धांधली से बचने के लिए ऑनलाइन सर्वसाधारण सभा की साजिश

विपक्षी दलों ने साधा सत्तादल भाजपा पर निशाना
संवाददाता, पिंपरी। महामारी के संकटकाल में पिंपरी चिंचवड़ शहर में जब रोजाना दो हजार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं तो सभागृह में आम सभा होती रही। अब जब मरीजों की संख्या घट रही है और एक दिन में 600 मरीज मिल रहे हैं तो ऑनलाइन सर्वसाधारण सभा क्यों बुलाई गई? उप-निर्देश कौन दे रहा है, कौन बोल रहा है इसमें  कोई समन्वय नहीं है। ऐसे में सत्तादल भाजपा की मंशा संदेह के घेरे में है। ऑफलाइन सभा में कुछ उप-निर्देश लेते हैं, तो कुछ न कुछ पता चल भी जाता लेकिन ऑनलाइन में क्या हो रहा है ये भगवान ही जानता है। अपनी धांधली और घोटालों को छिपाने के लिए ही ऑनलाइन सर्वसाधारण सभा की साजिश रचे जाने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने ऑनलाइन सभा का विरोध जताया।
मनपा की मई माह की सर्वसाधारण सभा गुरुवार को ऑनलाइन पद्धति से संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता महापौर उषा ढोरे ने अपने कार्यालय से की। इस सभा में मनपा के पदाधिकारी, गुटनेता अपने कार्यालयों और कुछ नगरसेवक स्थायी समिती सभागृह तो कुछ अपने घरों और दफ्तरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सहभागी हुए। नगरसेवक और अधिकारी कुल 99 लोग इस सभा मे शामिल हुए। सभा कामकाज में कई तकनीकी दिक्कतें आयी, कौन प्रस्ताव पेश कर रहा है, कौन उपनिर्देश पेश कर रहा है, कौन क्या बोल रहा है, कौन सा प्रस्ताव मंजूर हुआ कौन सा नामंजूर, कौन सा स्थगित रखा गया, कौन सा रदद् कर दिया गया? किसी का कोई तालमेल न था। कुल मिलाकर मनपा की इस सभा की धज्जियां उड़ गई। कई नगरसेवक चंद मिनटों में ही लेफ्ट होते नजर आए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस की पूर्व महापौर मंगला कदम ने कहा कि जब शहर में रोजाना दो हजार कोरोना मरीज मिले, तब ऑफलाइन सभा में चर्चा पांच घंटे तक चली। अब मरीजों की संख्या घट रही है और हर दिन 600 मरीज मिल रहे हैं, तब ऑनलाइन सभा आयोजित की गई है। ऐसे में अधिकारियों की नीयत पर संदेह है। सभा के एजेंडे में केवल पांच विषय थे।  एक भी महत्वपूर्ण विषय नहीं था। फिर भी महासभा का ऑनलाइन आयोजन किया। ऑनलाइन बैठक होने के कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि किन विषयों पर चर्चा हो रही है, कौन विषय पढ़ रहा है, कौन बोल रहा है, कौन किसके साथ नहीं है। कई तकनीकी दिक्कतें आती हैं। जब सभा हॉल में हो रही थी तो पता चल भी जाता था कि क्या उप-निर्देश दिए गए थे। तब अनदेखा नहीं किया जा सकता। अब पता नहीं चलेगा कि क्या घोटाले हो रहे हैं। हमें जनता ने चुना है, सदन में उनके सवाल उठाना हमारा कर्तव्य है। तो हम कोरोना पॉजिटिव हो गए तो भी हम सदन में आएंगे। कदम ने यह भी चेतावनी दी कि ऑनलाइन सभा को जारी नहीं रहने दिया जाएगा।
भाजपा की आशा शेंगगे ने कहा कि, ऑनलाइन मीटिंग से कई दिक्कतें आ रही हैं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। इसमें कई तकनीकी खामियां हैं। इस पर काबू पाने की जरूरत है। विपक्ष के नेता राजू मिसाल और शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने भी ऑनलाइन सभा का विरोध किया। सभा ल खत्म होने के बाद सदन के नेता ने नामदेव ढाके से मुलाकात की और नाराजगी जताई। बहरहाल इस ऑनलाइन सभा में भी प्रमोशन के प्रस्तावों को उपनिर्देश के जरिये पेश करने और मंजूर करने का सिलसिला बरकरार रहा।कार्यकारी अभियंता संदेश चव्हाण को सहशहर अभियंता पद पर प्रमोशन देने के विधी समिती द्वारा मंजुर किये गए प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई। उल्टे  उपअभियंता अशोक आडसुले, नरेश रोहिला, संजय खरात, सुनील पाटील, संजय तुपसाखरे और प्रेरणा सिनकर को कार्यकारी अभियंता पद पर प्रमोशन देने के प्रस्ताव उपनिर्देश के जरिए मंजूर किये गए।