कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस छोड़ शिवसेना का दामन थामा

मुंबई : समाचार ऑनलाईन – लोकसभा चुनाव में पार्टियों के पार्टी छोड़कर आने-जाने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में एक नया नाम है प्रियंका चतुर्वेदी का। टीवी डिबेट्स देखने वालों को मालूम होगा कि वह कांग्रेस की एक तेज तर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता है। लेकिन ये कल की बात थी कि वह कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता थी। आज का ताजा अपडेट यह है कि कांग्रेस में उचित सम्मान नहीं मिलने से नाराज प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर शिवसेना पार्टी ज्वाइन कर ली है। गुरुवार की रात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्होंने अपने इस्तीफा सौंप दिया। शुक्रवार सुबह उन्होंने अपने ट्वीटर प्रोफाइल से कांग्रेस प्रवक्ता का पद हटा लिया था। 

अब प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई हैं। उन्होंने शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना ज्वाइन की। इस मौके पर प्रियंका ने कहा कि कुछ लोगों मेरे  साथ बदसलूकी की थी लेकिन पार्टी ने उन्हें अपने साथ मिला लिया। इससे मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि अब मेरे ऊपर सवाल खड़े किए जाएंगे। पिछले ट्वीट्स का हवाला दिया जाएगा। लेकिन मैंने सोच समझकर यह फैसला लिया है। मुझे उम्मीद थी कि मुझे लोकसभा का टिकट जरूर मिलेगा, लेकिन टिकट नहीं मिलने से मैं निराश नहीं थी। 
प्रियंका ने 17 अप्रैल को ट्वीट करते हुए कांग्रेस के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। तब से उन्होंने न कोई बयान दिया था और न ही वह कोई टीवी डिबेट में शामिल हो रही थी। 

फिलहाल प्रियंका चतुर्वेदी अपने ट्वीटर प्रोफाइल में खुद को कॉलमिस्ट-ब्लॉगर-मदर बता रही है। उन्होंने अपने ट्वीटस को प्रर्सनल बताया है और रिट्वीट के बारे में भी लिखा है। प्रियंका के खुलासे वाले ट्वीट के बाद से भी उनके हक में कई आवाजें खड़ी हुई थीं। ट्विटर पर ही कई बड़ी हस्तियों ने कांग्रेस नेतृत्व से उनके दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है। 17 अप्रैल को प्रियंका ने ट्वीट कर मथुरा के स्थानीय नेताओं पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। प्रियंका ने ट्वीट किया था, जो लोग मेहनत करके अपनी जगह बना रहे हैं, उनके बदले ऐसे लोगों को पार्टी में तवज्जों मिल रही है। पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं। इसके बावजूद पार्टी के ही नेताओं ने मुझे धमकियां दीं। जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं। इनका बिना किसी कड़ी कार्रवाई के बच जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। 

जिस विवाद का जिक्र प्रियंका ने किया था, वह सितंबर 2018 का है। ट्वीट के साथ एक पत्र भी दी थी। इसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में प्रियंका चतुर्वेदी की तरफ से राफेल विमान सौदे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आई थी। तब कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की थी। कुछ कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई थी लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की सिफारिश पर सभी को फिर से बहाल कर दिया गया था।