कांग्रेस, मनसे के आंदोलन के बाद नींद से जागी राष्ट्रवादी कांग्रेस

पिंपरी। संवाददाता : पवना बांध के लबालब रहने के बाद भी पिंपरी चिंचवड शहर में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है। उपलब्ध जलसंचय का उचित नियोजन करने में मनपा प्रशासन नाकाम साबित हुआ है। यह आरोप लगाते हुए पानी कटौती रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा जोरदार आंदोलन करने के बाद नींद से जगी राष्ट्रवादी कांग्रेस ने बुधवार को मनपा मुख्यालय के प्रवेशद्वार पर घन्टानाद आंदोलन किया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस की पिंपरी चिंचवड शहर इकाई के अध्यक्ष संजोग वाघेरे, विपक्षी दल के नेता नाना काटे के नेतृत्व में किए गए इस आंदोलन में पार्टी की महिला इकाई की शहराध्यक्षा नगरसेविका वैशाली कालभोर, युवक अध्यक्ष विशाल वाकडकर, विद्यार्थी सेल के अध्यक्ष सुनिल गव्हाणे, वरिष्ठ नगरसेवक दत्ता साने, भाऊसाहेब भोईर, मंगलाताई कदम, पार्टी प्रवक्ता फजल शेख, नगरसेवक अजित गव्हाणे, प्रशांत शितोले, प्रविण भालेकर, पंकज भालेकर, मोरेश्वर भोंडवे, विनोद नढे, संतोष कोकणे, मयुर कलाटे,राजू बनसोडे, रोहित काटे, संजय वाबले, नगसरेविका अपर्णा डोके, समुनताई पवले, अनुराधा गोफणे, पौर्णिमा सोनवणे, संगिता ताम्हाणे, प्रज्ञा खानोलकर, उषा काले, स्वाती काटे, विजय लोखंडे, संगीता कोकणे, निलेश पांढारकर, उत्तम आल्हाट, विशाल कालभोर, शाम जगताप, तुकाराम बजबलकर, जहीर खान, अमोल भोईटे, संजय औसरमल, प्रतिक इंगले, प्रविण गव्हाणे, यतीन पारेख, संग्राम चव्हाण, पोपट पडवल, मेघा पवार, सविता खराडे, शिला भोंडवे, विश्रांती पाडाले, दिपाली देशमुख, किरण देशमुख, बालासाहेब पिल्लेवार, यशवंत शिंदे, सतीश क्षीरसागर, गोरोबा गुजर, रामेश्वर लाहोटी आदि शामिल हुए।
गौरतलब हो कि, 25 नवंबर से मनपा द्वारा शहर में पुनः पानी कटौती लागू करते हुए एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है। गत वर्ष पर्याप्त बारिश के अभाव में पवना बांध का जलस्तर घटा था। इसके चलते पहले सप्ताह में एक दिन और उसके बाद एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जाती रही। इस साल बारिश पर्याप्त से भी ज्यादा हुई, पवना बांध का जलस्तर भी शतप्रतिशत है। इसके बावजूद वाकड़, पिंपले निलख, दापोडी जैसे शहर के कई हिस्सों में पानी की किल्लत बनी रही। जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार लाने के नाम पर सप्ताह में एक दिन की पानी कटौती की जाने लगी। इसके बाद गत माह की 25 तारीख से पुनः एक दिन छोड़कर जलापूर्ति करने का फैसला किया गया। शहरवासियों के साथ विपक्षी दलों ने इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है। दो दिन पहले कांग्रेस ने कटौती रद्द करने की मांग को लेकर मनपा मुख्यालय पर घड़ा मोर्चा निकाला। इसके तुरंत बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने मनपा मुख्यालय में मिट्टी के घड़े फोड़ो आंदोलन किया। इसके आज राष्ट्रवादी कांग्रेस ने प्रशासन पर नाकामी और निष्क्रियता का ठीकरा फोड़ते हुए मनपा मुख्यालय में घन्टानाद आन्दोलन किया।