कांग्रेस भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाये, पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया ये कारण

मुंबई, 19 नवंबर – महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच लगातार बातचीत चल रही है. तीनों पार्टियों में न्यूनतम साझा कार्यकर्म को लेकर एकमत बताये जा रहे है. लेकिन कांग्रेस से महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ न जाकर भाजपा के साथ जाने की सलाह कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कांग्रेस को दी है.

कुमारस्वामी ने कहा कि शिवसेना हिंदुत्व  मुद्दे पर ज्यादा आक्रामक है. लेकिन भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे पर थोड़ी नरम है. इसलिए कांग्रेस का भाजपा के साथ जाना ज्यादा आसान रहेगा।
सरकार गठन का पेंच और उलझ गया है 
महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच लगातार चर्चा हो रही है. इन सबके बीच सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस के चीफ शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की. लेकिन इस मुलाकात के बाद सरकार बनाने को लेकर कहा कि हमारी सरकार बनाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. यह केवल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की बैठक थी. इसलिए बैठक में अन्य किसी दल को लेकर चर्चा नहीं हुई. इसके बाद राज्य में सरकार गठन की पेंच और उलझ गई है.
राज्यपाल ने हमें 6  महीने का समय दिया है
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा हमें राज्यपाल ने 6 महीने का समय दिया है. हम फ़िलहाल राज्य की स्थिति पर नज़र बनाये हुए है. शिवसेना ने 170 विधायकों का आंकड़ा कहा से लाया इसकी जानकारी नहीं। ये सवाल शिवसेना नेता से पूछे।
राज्य में शिवसेना-कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की समन्वय बैठिक हुई थी. इस बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई. लेकिन शरद पवार दवारा सवालों का दिए गए जबाव से सभी अवाक् है.