कांग्रेस का डबल चुनावी गेम… 2021 की रणनीति, पूर्व में दोस्ती, दक्षिण में दुश्मनी 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : अगले साल चुनावी रणनीतिक के तह कांग्रेस देश में डबल गेम खेलने जा रही है। एक तरफ वह पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को शिकस्त देने के लिए वामपंथी दलों से हाथ मिलाने वाली है, तो वहीं केरल में उसकी कम्युनिस्ट पार्टी से सीधा मुकाबला होगा। लोकसभा चुनाव 2019 में बनी दूरी को खत्म करते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को लेफ्ट के साथ गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया है। अगले कुछ दिनों में सीटों का भी ऐलान होने की उम्मीद है।

बात अगर पश्चिम बंगाल की करें तो कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन होने से 50 से अधिक सीटों पर दोनों दल मिलकर टीएमसी और बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकते हैं। राहुल गांधी का दौरा भी इसी महीने संभव है।  2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट  ने 20 से अधिक सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था।

तब 294 सीटों में से कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थीं, जबकि लेफ्ट के खाते में 32 सीटें आईं थीं। दोनों के गठबंधन को लगभग 30 फीसदी वोट मिले थे। तब कांग्रेस 90 सीट पर लड़ी जिसमें 44 जीतने में सफल रही थी। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट दोनों दल अलग-अलग लड़े। इसमें कांग्रेस को सिर्फ छह प्रतिशत वोट मिले थे, जो पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा था।