स्थायी समिति में कमीशन का ‘VIP’ कोटा खत्म

पिंपरी। संवाददाता – मनमाने कामकाज के चलते पिंपरी चिंचवड मनपा स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी और विपक्षी दलों के सदस्यों के बीच गत कुछ दिनों से घमासान छिड़ी हुई है। उनका शिवसेना गुटनेता राहुल कलाटे के साथ शुरू विवाद तो मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा। इसी घमासान के बीच स्थायी समिति में चलने वाली कमीशन की राजनीति भी सतह पर पहुंची। कल समिति की साप्ताहिक सभा से पूर्व हुई प्री मीटिंग में कमीशन की राजनीति से ‘वीआईपी’ कोटा यानी कुछ चुनिंदा सदस्यों को मिलने वाला अतिरिक्त कमीशन देने की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया। इसका अर्थ अब समिति के सभी सदस्य ‘मिल बांटकर’ कमीशन की मलाई चखेंगे। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो सकेगा, जो ‘मिलेगा’ वह सभी को बराबर मिलेगा।
‘विटामिन एम’ वाली स्थायी समिति बीते कुछ दिनों से लगातार चर्चा और विवादों के घेरे में हैं। यहां सभी 16 सदस्य ‘मिल बांटकर’ खाने में यकीन रखते हैं। मगर मनपा में सत्ता परिवर्तन के बाद से समिति में लगातार इसी मुद्दे को लेकर सभापति और सदस्यों में विवाद हो रहे हैं। उसी में सभापति विलास मडिगेरी की समिति तो कुछ ज्यादा ही गूंज रही है। सदस्यों को विश्वास में न लेकर मनमाने तरीके से कामकाज करने की उनकी प्रणाली शुरू से विपक्षी दलों समेत खुद भाजपा के सदस्यों को भी को खटकती रही। मगर भाजपा के बड़े व कद्दावर नेता का हाथ उनके सिर पर रहने से कोई कुछ बोलने की हिमाकत नहीं कर रहा था। हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद से मनपा का सियासी माहौल काफी कुछ बदल गया है। राज्य में सत्ता परिवर्तन से विपक्षी दलों के हौसले बुलंद हैं।
गत कुछ दिनों से विपक्षी दलों के सदस्यों और स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी के बीच जारी विवाद चरम सीमा पर पहुंच गया है। शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे और मडिगेरी के बीच तो तकरीबन हर सभा में नोंकझोंक चल रही है, जोकि मीडिया की सुर्खियां बन गई है। इस घमासान के बीच समिति में चलने वाली कमीशन की राजनीति में ‘वीआईपी कोटे’ का खुलासा हुआ। यानी सभी सदस्यों को बराबर हिस्सा नहीं मिल रहा था। वीआइपी कोटा ध्यान में आते ही कुछ सदस्यों ने एकत्रित होकर इसके खिलाफ आवाज उठाई और यह कोटा ही खत्म कर दिया। यानी अब सभी का हिस्सा बराबर का होगा न किसी को कम न किसी को ज्यादा। चुनिंदा सदस्यों को मिलने वाली ‘वीआईपी ट्रीटमेंट’ बंद होने के बाद कल स्थायी समिति सभा का कामकाज राजी-खुशी से पूरा हुआ और तकरीबन 40 करोड़ रुपए खर्च की विभिन्न विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।