मनपा में बढ़ते भ्रष्टाचार के लिए आयुक्त जिम्मेदार

सांसद श्रीरंग बारणे का आरोप; पूरे कार्यकाल के कामकाज की जांच की मांग
पिंपरी। बीते साढ़े चार साल में पिंपरी चिंचवड़ मनपा में अंधाधुंध कामकाज शुरू है और भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है। पदाधिकारी और अधिकारियों के रिश्तेदार ठेकेदारों के पार्टनर बने हुए हैं। मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर सत्तादल भाजपा के दबाव में मनमानी का साथ दे रहे हैं। उनका प्रशासन पर किसी तरह का कोई अंकुश नहीं है। यह आरोप लगाते हुए शिवसेना के सांसद श्रीरंग बारणे ने आयुक्त के अब तक के कार्यकाल के कामकाज की जांच की मांग की है।
इसके अलावा मनपा अधिकारी, उनके परिवार और रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच करने की पुरजोर मांग भी उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में की। सांसद बारणे ने दावा किया कि, फर्जी एफडीआर के बारे में प्रशासन को पहले से पता था, जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यानाकर्षित करने पर दिसंबर में यह मामला सामने आया। यह फर्जीवाड़ा करनेवाले 18 ठेकेदारों के नाम सामने आए मगर केवल 5 ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसमें प्रशासन की मिलीभगत है, इसलिए बड़ी मछलियों को बचाने के लिए छोटी मछलियों की बलि चढ़ाई जा रही है, यह आरोप भी उन्होंने लगाया।
निर्माणकार्य अनुमति की नई नियमावली के अनुसार मनपा द्वारा अनुमति देने की शुरुआत की और तुरंत रोक दी। इस मसले पर शहर के एक आलीशान होटल में बिल्डरों की एक मीटिंग हुई जिसमें मनपा का एक सक्षम अधिकारी मौजूद था। वह अधिकारी उनसे पैसों की डील कर रहा था, यह खुलासा भी सांसद बारणे ने किया। इस संवाददाता सम्मेलन में शिवसेना के जिलाप्रमुख गजानन चिंचवडे, शहरप्रमुख योगेश बाबर, महिला संगठक उर्मिला कालभोर, शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र की महिला संगठक सुलभा उबाले उपस्थित थी।
भामा-आसखेड पाइपलाइन योजना के तहत 5 किमी की पाइपलाइन निजी और 7 किमी की पाइपलाइन वन विभाग और अन्य एमआईडीसी व लोकनिर्माण विभाग की जमीन में से गुजरती है। 2014 में यह परियोजना मंजूर की गई इसके बाद भी मनपा प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं की। अब केवल विशिष्ट ठेकेदार को सामने रखकर टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। भूमि अधिग्रहण के पहले ही टेंडर जारी करने की जल्दबाजी की वजह से पवना बांध पाइपलाइन योजना अधर में लटक गई। मनपा में करदाताओं के टैक्स से जमा सैकड़ों करोड़ों रुपये जाया गए। अब वही गलती भामा आसखेड़ योजना को लेकर की जा रही है, उसकी भी गत पवना पाइपलाइन योजना की तरह होगी।