कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के कोहराम के बीच यूपी में खुल गए कॉलेज

लखनऊ. ऑनलाइन टीम दिल्ली कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के बीच हलाकान है और उसी से सटे उत्तर प्रदेश में  योगी सरकार ने सोमवार (23 नवंबर) से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का पैरंट्स ने विरोध शुरू कर दिया है। पैरंट्स का मानना है कि शिक्षण संस्थानों के खुलने से वायरस के केसेस बढ़ सकते हैं।

यूपी सरकार की गाइडलाइंस में कहा गया है कि सभी बंद संस्थानों (हॉल/कमरे) में 50 फीसदी क्षमता एवं अधिकतम 200 व्यक्तियों की अनुमति होगी। इसके मुताबिक, शिक्षण संस्थानों में छात्रों की उपस्थिति किसी भी सूरत में 50 फीसदी से अधिक नहीं होगी। बाकी छात्र पहले की तरह ही ऑनलाइन क्लासेज के जरिए पढ़ाई करते रहेंगे। फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और हैंडवॉश की उपलब्धता अनिवार्य होगी।

इन सावधानियों को अनिवार्य बनाने के बाद भी लोग आश्वस्त नही हो पा रहे हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।  शनिवार को पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कोरोना के नए मरीज अधिक मिले, जबकि मरीजों के ठीक होने की संख्या कम रही।  प्रदेश में इस समय कोरोना के 23,471 मरीज सक्रिय अवस्था में हैं। प्रदेश में अबतक 7,524 मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है। प्रदेश में अबतक 4,93,228 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं।

दूसरी तरफ, योगी सरकार गद्गद् है। योगी सरकार की कोरोना संक्रमण से बचाव की रणनीति की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की सराहना की है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ित मरीजों के संपर्क में आए 93 प्रतिशत लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर कोरोना की रफ्तार पर रोक लगाई। मंगलवार को योगी सरकार की तारीफ करते हुए डब्लूएचओ ने सरकार की पीठ थपथपाई है। संभवत: यही कारण है कि सरकार ने यह फैसला लिया है, लेकिन लोग सहमत नहीं।