CM Uddhav Thackeray | बाढ़ की वजह से हुए नुकसान से बचने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का मेगाप्लान, कहा…… 

सांगली (Sangli News), 2 अगस्त : CM Uddhav Thackeray | जुलाई महीने में महाराष्ट्र (Maharashtra) के विभिन्न जगहों पर हुई अतिवृष्टि व बाढ़ (Flood) के कारण बड़े पैमाने पर कृषि, व्यापार, उधोग, घर का नुकसान हुआ है। फिर से ऐसा नहीं हो इसलिए तत्काल और दूरगामी दोनों तरह के उपायों पर काम करना होगा। बाढ़ जैसी समस्या के स्थाई हल को प्राथमिकता दी जाएगी। राज में बाढ़ प्रबंधन (Management) के लिए बाढ़ का पानी सूखाग्रस्त क्षेत्रों में डाइवर्ट करने, नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम जैसी बातों पर विचार कर जानकारों की मदद से एक्शन प्लान (action plan) तैयार किया जाएगा। पुनर्वसन (rehabilitation), अतिक्रमण (encroachment) जैसे विषयों में सख्ती से निर्णय लेकर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। यह जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने दी है।

 

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) आज सांगली (Sangli) जिले के दौरे पर है।  आज उन्होंने बाढ़ और अतिवृष्टि के मद्देनज़र सांगली जिले के बाढ़ प्रभावित भिलवडी, अंकलखोप, कसबे डिग्रज, मौजे डिग्रज, आयविर्न पुल, हरभट रोड का दौरा कर जिलाधिकारी कार्यालय (District Magistrate Office), सांगली में समीक्षा बैठक की।  इसी दौरान वह बोल रहे थे।

2019 में आई बाढ़ और 2021 में आई बाढ़ से अर्थव्यवस्था (Economy) धीमी पड़ गई है।  लेकिन इसके बाद भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जनता को फिर से खड़ा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।  उन्होंने विश्वास जताया कि सभी चीजों में समानता रखकर जनता के सहयोग से हम इस संकट को मात दे सकते है।

उन्होंने कहा कि बार – बार आने वाले संकट को देखते हुए अब तक किये गए विकास कार्यो में कुछ कमी रह गई है तो सख्त नियमों का पालन करे, ब्लू लाइन, रेड लाइन जैसी रेखा कितने दिनों में जारी करना है ? इसे लेकर नियमों का पालन होना जरूरी है।  जिन बस्तियों में बाढ़ का पानी बढ़ रहा है उनका पुनर्वसन करने की जरुरत है। बाढ़ का सुनियोजित प्रबंधन (well-planned management) आवश्यक है।  सांगली शहर के शेरी नाले के पानी कही और डाइवर्ट किया जा सकता है ? इस पर विचार होना चाहिए।  हमने केवल स्थिति देखी है। लेकिन सांगली, कोल्हापुर, रत्नागिरी व बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलों में बाढ़ की बिकट स्थिति का  अनुभव व कष्ट भोगा है।

बाढ़ जैसी आपदा से बचने के लिए जानकारों की मदद से एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।  यह कहते हुए उन्होंने कहा कि कई बार केवल विशेषज्ञों की समिति गठित की जाती है लेकिन उनकी रिपोर्ट पर अमल नहीं किया जाता है। लेकिन इस बार ऐसा न करके अब तक नियुक्त विभिन्न समितियों दवारा दिए गए सुझावों पर विचार कर उन पर अमल किया जाएगा।

इसके लिए जनप्रतिनिधि जनता का विश्वास हासिल करे। अब जो एक्शन प्लान तैयार कर उस पर अमल किया जाएगा इसके लिए जनता और जनप्रतिनिधि इन सभी घटकों का सहयोग अति आवश्यक है।  दूरगामी दुष्परिणामों (far-reaching consequences) पर विचार न करके काम करने की वजह से यह स्थिति आई है।

 

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