सर्वे में दावा…अनलॉक में बढ़े पियक्कड़, लॉकडाउन में घट गई थी संख्या 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : कोरोना महामारी के बारे में चिंता के चलते लोगों ने खुद को घरों में कैद रखना शुरू कर दिया था। परिवार के साथ वक्त बिताने के कारण दिन प्रति दिन जिम्मेदारियों का एहसास ज्यादा हुआ और पैसों की किल्लत के चलते गंदी आदतें छूटने लगी। वहीं अनलॉक होते ही आदर्श ताक पर चला गया। लोगों ने शराब का सेवन भी बढ़ा दिया है। यह दावा एक सर्वे में किया गया है।

66 दिन के लॉकडाउन ने जो कुछ पॉजिटिव बदलाव किए थे, वे औंधे मुंह गिर पड़े।  कई लोगों ने बातचीत में बताया कि लॉकडाउन में उन्होंने तंबाकू,शराब और सिगरेट की लत छोड़ दी थी। बड़ी बात यह भी थी कि   दुकानें बंद होने के कारण सामान मिल भी नहीं रहे थे। कुछ जुगाड़ लगाने में सफल भी रहे, लेकिन अर्थिक दिक्कत और घरवालों के विरोध में यह ज्यादा दिन संभव नहीं हुआ। नतीजतन कई शौकिया लोगों ने नशे से तौबा कर ली। यूथ ने भी बिना नशे के बेहतर ढंग से जीना सीखा है।

हालांकि कुछ लोग इस दौरान भी नहीं माने। या कहें खुद में सुधार नहीं कर पाए। कहीं खाने की होम डिलीवरी करने वाले सप्लाय व्बॉय के टिफिन में शराब के वाहक मिलने तो कभी अत्यावश्यक सेवा दूध की सप्लाई की आड में शराब के परिवहन के मामले सामने आए हैं। सोशल मीडिया में भले ही मजाक में ही सही शराब के विरह और उसके न मिलने की जो भाव अभिव्यक्तियां इस कोरोनाकाल में हुई हैं, वह आंखें खोलने के लिए काफी थीं।

इसके बाद जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई, फिर से नशा हावी होने लगा और लोग अपने-अपने ठिकाने की ओर दौड़े। लोगों में शराब पीने की आदत और बढ़ गई। एक रिसर्च में सामने आया है कि कभी कभार पीने वाले लोगों की आदत में लॉकडाउन  के दौरान काफी सुधार हुआ था। इससे पहले वो ज्यादा ड्रिंक लेते थे, लेकिन महामारी के दौरान बच्चों और परिवार के साथ समय बिताने के चलते उनकी अल्कोहल खपत 26 प्रतिशत तक कम हो गया था। अब स्थिति फिर उल्ट होती जा रही है। ऐसा लग रहा है कि वर्षों हुई मुलाकात के बाद जैसे लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं, वैसे ही अब अनलॉक में लोग ताबड़तोड़ हलक के नीचे शराब उतारते जा रहे हैं।