नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : किसान आंदोलन को देखते भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय पर बीजेपी महासचिवों की बैठक हो रही है। जानकारी के अनुसार, कृषि कानूनों के लेकर जारी प्रदर्शनों को रोकने के लिए भी सरकार किसानों का भ्रम दूर करने की कोशिश कर रही है। साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को भी अब यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है कि वह कृषि सुधार कानूनों को लेकर पैदा हुई किसानों की शंकाओं का समाधान करें। बैठक में हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे हैं। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
दूसरी तरफ, दिल्ली के टिकरी बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन विरोध नहीं छोड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट में भी किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई अभी टल गई है। अदालत में किसी किसान संगठन के न होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया।
Delhi: Protesting farmers at Tikri border (Haryana-Delhi border) say they're ready for more talks with govt but won't give up protest.
"We're ready for more rounds of talks. Govt is taking SC's help now so their ego is not hurt. Table talks should be shown live," says a farmer pic.twitter.com/ZUoDpzkut0
— ANI (@ANI) December 17, 2020
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे। आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी। सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी। मतलब यह कि किसान आंदोलन का मामला अधर में लटका हुआ है और विपक्ष के हमले से बचने के लिए सरकार जल्द से जल्द इस आंदोलन को समाप्त कराना चाहती है। इसलिए भाजपा महासचिवों की यह अहम बैठक हो रही है।