चिंचवड़ विधानसभा: जगताप की जीत की नहीं कलाटे के हार की चर्चा

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आकर 15 दिन बीत चुके हैं। पिंपरी चिंचवड़ शहर में चिंचवड़ और भोसरी गढ़ कायम रखने में भाजपा सफल रही वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस ने शिवसेना के कब्जे में चली गई पिंपरी की सीट वापस अपने कब्जे में लेने में कामयाबी हासिल की है। यूं तो चुनाव के बाद अक्सर जीत की ही चर्चा होती है, मगर शहर का एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा है जहां जीत से ज्यादा हार की चर्चा और सराहना हो रही है। यह विधानसभा क्षेत्र है चिंचवड़, जोकि पूरे राज्य में शहरी विधानसभा क्षेत्रों में सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है।
चिंचवड़ विधानसभा से भाजपा के शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप ने विधायकी की हैट्रिक पूरी की है। इस विधानसभा चुनाव में उनके मुकाबले राष्ट्रवादी कांग्रेस का कोई प्रत्याशी दिल से उतरने को तैयार न था। यह चुनाव तो वे डेढ़ से दो लाख वोटों की मार्जिन से जीतेंगे, इस तरह के दावे सियासी गलियारों में किये जा रहे थे। मगर शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे जोकि इस चुनाव में सर्वदलीय प्रत्याशी साबित हुए, ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। उन्होंने कुल एक लाख 12 हजार वोट हासिल किए। इसके चलते जगताप को मात्र 38 हजार वोटों की मार्जिन पर संतोष जताना पड़ा।
यूं तो 38 हजार की बढ़त कोई कम मायने नहीं रखती मगर गत 20 सालों से पिंपरी चिंचवड़ शहर में अपना दबदबा कायम रखने वाले जगताप के नाम के आगे यह लीड जंचती नहीं है। यही वजह है कि नतीजे घोषित होने के 15 दिन बाद भी उनकी जीत की बजाय उनके प्रतिद्वंद्वी राहुल कलाटे की हार की चर्चा चहुंओर हो रही है। उन्होंने यह चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा था मगर उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस, वंचित बहुजन आघाडी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, समाजवादी पार्टी जैसी कई पार्टियों का समर्थन मिलने से वे सर्वदलीय प्रत्याशी साबित हुए।
होर्डिंग्स भी चर्चा में
जैसा कि पहले ही बताया गया कि पूरे शहर में चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के लक्ष्मण जगताप की जीत से ज्यादा सर्वदलीय प्रत्याशी राहुल कलाटे के हार की चहुंओर चर्चा हो रही है। अब पूरे क्षेत्र में कलाटे द्वारा मतदाताओं का आभार जताने के लिहाज से लगाए गए होर्डिंग्स पूरे शहर में चर्चा का विषय बने हैं। उन्होंने उन्हें वोट देनेवाले एक लाख 12 हजार वोटरों का आभार जताते हुए उन्हें वोट न देने वाले वोटरों का दिल जीतने का संकल्प किया है। यही वजह है कि इस आशयवाले होर्डिंग्स की न केवल चर्चा हो रही है बल्कि कलाटे की समझदारी और सूझबूझ की सराहना भी की जा रही है। क्योंकि ज्यादातर नेता उन्हें वोट न देनेवालों के प्रति ‘खुन्नस’ की भावना रखते हैं।