चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र में औसतन 53.32% मतदान दर्ज

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन  – प्रमुख विरोधी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस के महारथियों के एक के बाद एक पीछे हटते जाने से चिंचवड़ विधानसभा चुनाव क्षेत्र में शुरू में एकतरफा लड़ाई नजर आ रही थी। मगर अब इस चुनाव क्षेत्र में कांटे की टक्कर है। शिवसेना के बागी राहुल कलाटे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, वंचित बहुजन आघाडी का समर्थन हासिल कर बतौर सर्वदलीय प्रत्याशी के मैदान में उतरकर चिंचवड़ से विधायकी की हैट्रिक करने की तैयारी में रहे भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप को कड़ी चुनौती दी है। शाम तक यहां औसतन 53.32 फीसदी मतदान दर्ज हुआ है। हालांकि निर्वाचन विभाग से अंतिम आंकड़े खबर लिखे जाने तक नहीं मिल सके थे।
महाराष्ट्र में नँबर दो का सबसे बड़ा विधानसभा चुनाव क्षेत्र रहे चिंचवड़ में पांच लाख 18 हजार 309 मतदाता हैं। यहां सुबह नौ बजे तक पहले दो घन्टे में 6.10 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। इसके बाद 11 बजे तक कुल 16.37 फीसदी मतदाताओं ने मतदान के कर्तव्य को निभाया। दोपहर से यहां मतदान को लेकर उत्साह नजर आने लगा। एक बजे तक 26.41 फीसदी और दोपहर तीन बजे तक 35.79 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। चार बजे के बाद मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ बढ़ने लगी। शाम पांच बजे तक 51.33 और छह बजे तक औसतन 53.32 फीसदी मतदाताओं ने भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप, सर्वदलीय प्रत्याशी राहुल कलाटे समेत कुल 11 प्रत्याशियों के नसीब को ईवीएम में बन्द कर दिया।
चिंचवड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आने के बाद 2009 और 2014 में विधानसभा चुनावों में लक्ष्मण जगताप ने पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस के ‘गुप्त’ समर्थन से निर्दलीय और बाद में भाजपा की ओर से विधायक चुने गए। इस बार चुनाव के मैदान में  उन्होंने भाजपा- शिवसेना महायुति की ओर से मैदान में उतरकर हैट्रिक करने की तैयारी की है। आरंभ में यहां की लड़ाई एकतरफा मानी जा रही थी। उसकी वजह भी वैसी थी। जिस राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ रहकर लक्ष्मण जगताप सियासत में इन मुकाम तक पहुँचे हैं उसका कोई भी नेता जगताप के खिलाफ लड़ने तैयार न था। शुरू में कई नेता टिकट लेने की कतार में थे मगर लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त से उनके हौसले पस्त हो गए। तब माना जा रहा था कि राहुल कलाटे, जोकि शिवसेना के नगरसेवक और पिंपरी चिंचवड़ मनपा में गुटनेता हैं और कभी विधायक जगताप के साथी हुआ करते थे, राष्ट्रवादी की ओर से चुनाव के मैदान में उतरेंगे। मगर बाद में एक सियासी दांव चलकर नामांकन खारिज होने से राष्ट्रवादी का प्रत्याशी न रह जाने की वजह स कलाटे को समर्थन घोषित किया गया। बाद में वंचित बहुजन आघाडी, कांग्रेस, मनसे ने भी कलाटे को समर्थन दिया, जिससे उनकी ताकत और भी बढ़ गई। अब कलाटे अपनी ‘बैट’ से चौका- छक्का जड़कर जीत का परचम लहराते हैं या फिर जगताप फिर एक बार ‘भाऊबलि’ साबित होते हैं? इसका फैसला चिंचवड़ की जनता कल करेगी।

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