मुख्य सचिव अजोय मेहता ने बाढ प्रभावितों की मदद-पुनर्वसन कार्यों की समीक्षा 

पुणे : समाचार ऑनलाईन –  बाढ़ और इसके बाद होने वाले मदद व पुनर्वसन के कार्यों का मुख्य सचिव अजोय मेहता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बुधवार को समीक्षा की। इस दौरान विभागीय आयुक्त डॉ। दीपक म्हैसेकर ने पुणे विभाग में चल रहे मदद व पुनर्वसन के कार्यों की जानकारी दी।

मुख्य सचिव अजोय मेहता ने कहा, बाढ़ की स्थिति में सभी विभागों ने अच्छा काम किया है। लेकिन अभी मदद व पुनर्वसन का बड़ा काम बाकी है। मदद व पुनर्वसन की प्रक्रिया में किसी भी तरह से प्रभावित व्यक्ति वंचित न रहे इसका ध्यान रखते हुए संबंधित जिलाधिकारी सभसी विभागों से समन्वय बनाते हुए युद्ध स्तर पर काम करें।

बारिश होने से कुछ क्षेत्रों गंभीर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई

राज्य में इस वर्ष औसत से अधिक बारिश होने से कुछ क्षेत्रों गंभीर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। इसके बाजवूद मराठवाड़ा और राज्य के कुछ हिस्से भीषण जल संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में संबंधित क्षेत्रों की मशीनरी को सतर्क रहते हुए मदद का कार्य करने की आवश्यकता है। जहां पर जरूरी है वहां पर चारा छावनी और पानी का टैंकर जारी रखा जाए। टैंकर और चारा छावनी का बिल तुरंत अदा किए जाए।

मदद व पुनर्वसन का काम योजनाबद्ध तरीके से किया जाए
बाढ़ प्रभावितों क्षेत्रों के घरों, पशुओं, खेती के नुकसान का तुरंत पंचनामा किया जाए। इन सभी नुकसान की अचूक जानकारी एकत्रित करें। इन जानकारियों के आधार पर मदद व पुनर्वसन का काम योजनाबद्ध तरीके से किया जाए। सानुग्रह अनुदान के वितरण का सारा काम आने वाले दो सप्ताह में पूरा करें। खेती के बीमा की रकम किसानों को समय पर मिले इसके लिए बीमा कंपनियों की तरफ से प्रतिदिन की समीक्षा करने का निर्देश दिए।

पुणे विभाग के मदद व पुनर्वसन काम की जानकारी देते हुए डॉ। दीपक म्हैसेकर ने बताया कि पुणे विभाग का उदार अनुदान वितरण का काम तेजी से जारी है। सभी आवश्यक  मदद प्रभावितों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन प्रयासरत है। विभाग में 3 हजार 682 घर पूरी तरह जबकि 24 हजार 539 घर अंशत नुकसान पहुंचा है। बाढ़ प्रभावितों के लिए आम लोगों और सामाजिक संस्थाओं के जरिये बड़े पैमाने पर मदद मिल रही है। इन मदद को उचित व्यक्ति तक पहुंचाने और मदद कार्य में तेजी लाने के लिए विभागीय आयुक्त कार्यालय में समन्वय कक्ष बनाया गया है।