पानी की किल्लत दूर करने मुख्यमंत्री से लगी गुहार

पिंपरी। सँवाददाता – पर्याप्त जलसंचय के बाद भी सालभर से पिंपरी चिंचवड शहर में पानी की कटौती कायम है। शहर में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है। समाविष्ट गांव, बढ़ते नागरीकरण, आबादी के चलते पानी का मसला गहरा गया है। भविष्य में हालात गंभीर बनने से इंकार नहीं किया जा सकता। आने वाले मनपा चुनाव पर इसका असर हो सकता है। यह संभावना जताकर शिवसेना के जिलाप्रमुख गजानन चिंचवड़े ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से पिंपरी चिंचवड़ शहर में पानी की किल्लत दूर करने की गुहार लगाई है।
मुख्यमंत्री को भेजे एक पत्र के जरिए गजानन चिंचवड़े ने अधर में लटकी पवना बांध से पाइपलाइन के जरिये सीधे पानी लाने की पवना पाइपलाइन योजना का मसला सुलझाने और आंद्रा-भामा आसखेड परियोजना के कामों को गति देने की मांग की है। इसके लिए परियोजना बाधित किसानों, ग्रामीणों व संबंधित विभागों के अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाने की गुजारिश भी उन्होंने की है। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए नियोजनबद्ध कार्यक्रम तय करने और उस लिहाज से संबंधित अधिकारियों व मनपा प्रशासन को निर्देश देने की मांग की गई है।
सालभर से जारी पानी की कटौती और उसके परिणामों से अवगत कराते हुए चिंचवड़े ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि, पवना बांध पाइपलाइन परियोजना का कार्य लगभग नौ वर्षों से (9 अगस्त, 2011) से बंद है। राज्य सरकार ने पिंपरी चिंचवड़ के लिए आंद्र व भामा-आसखेड़ बांध में पानी के आरक्षण को मंजूरी दे दी है। हालाँकि, इसका काम भी प्रशासन की लापरवाही और लेटलतीफी से लंबित पड़ा है।इसके कारण शहरवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। अयोग्य ठेकेदार और ठेकेदार के हितों का जतन की नीति के कारण 24 घंटे जलापूर्ति योजना भी विफलता का संकेत दे रही हैं। ऐसे में यह जरूरी बन गया है कि अब शहर के पानी की किल्लत के मसले पर राज्य सरकार दखल दें।