Chhath Puja | आस्था के महापर्व छठ पर भी कोरोना का असर, कुछ लोग घाट पर करेंगे तो कुछ घर पर ही करने को मजबूर

पुणे/ पिंपरी : आस्था के महापर्व छठ (Mahaparv Chhath) की शुरुआत आज से ‘नहाय-खाय’ से शुरू हो गई है। छठ पर्व (Chhath Puja) लाखो लोंगों की आस्था से जुड़ी है। पुणे (Pune) और पिंपरी (Pimpri) में रह रहे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोग धूमधाम से छठ (Chhath Puja) का आयोजन करते हैं। इस पूजा की शुरुआत मुख्य रूप से बिहार झारखंड (Bihar Jharkhand) से हुई थी, लेकिन अब देश-विदेश में फैल चुका है। पुणे में कुछ जगहों पर तो छठ करने की अनुमति मिल गई है, कुछ लोग प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं और कुछ जगहों पर पुलिस (Police) की तरफ से अनुमति नहीं मिली है।

 

यह पर्व कुल मिलाकर 4 दिनों का होता है। इसकी शुरुआत दिवाली के चौथे दिन यानी कि चतुर्थी से होती है और सप्तमी को इसका समापन होता है। इस बार 8 नवंबर से नहाय खाय से छठ पूजा (Chhath Puja) की शुरुआत होगी। 9 नवंबर को खरना होगा। पहला अर्घ्य 10 नवंबर को शाम में दिया जाएगा और अंतिम अर्घ्य 11 नवंबर गुरुवार को सुबह में दिया जाएगा। यह व्रत (Fast) अत्यंत सफाई और सात्विकता का है। इसमें कठोर रूप से सफाई का ख्याल रखना चाहिए।

 

पूर्व नगरसेविका ज्योति भारती (Jyoti Bharti) हर साल पिंपरी के झूलेलाल घाट पर छठ पूजा का आयोजन करती हैं। उनका कहना है कि इस बार छठ पूजा (Chhath Puja) पर भी कोरोना का असर दिख रहा है। हमने घाट की सफाई शुरु कर दी है। कोरोना के सदर्भ में सारे एहतियात बरते जा रहे हैं। यहाँ पर 200-250 लोगों के आने की ही अनुमति होगी।

 

विजय गुप्ता पिछले कई सालों से बिरला अस्पताल के पास वाले घाट पर छठ का आयोजन कर रहे हैं। सफाई तो शुरू कर दी है लेकिन अभी प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। वो आज शाम तक मिल जाएगा। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए हम सभी श्रद्धालुओं का इंतजार करेंगे। सभी के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है और जो ज्यादा बुजुर्ग हैं, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे घर पर ही छठ करें।

 

पिंपरी (Pimpri) गांव में छठ पूजा का आयोजन करनेवाले रणधीर सिंग का कहना है कि हमने कोरोना की सावधानी बरतते हुए 200-250 लोगों की व्यवस्था की है। घाट निर्माण और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की जा रही है।

 

पुणे (Pune) के लोहगांव (Lohgaon) में छठ पूजा का आयोजन करनेवाले विनोद ओझा (Vinod Ojha) का कहना है कि इस बार कोरोना के कारण कई हिस्सों में बंट कर छठ पूजा का आयोजन कर रहे हैं। एक जगह पर ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए हम अलग-अलग छठ पूजा की व्यवस्था कर रहे हैं।

 

कर्वे नगर कमिंस कॉलेज (Karve Nagar Cummins College) के पीछे घाट निर्माण कर छठ पूजा का आयोजन करनेवाले प्रमोद राणा का कहना है कि हर त्योहार की तरह छठ पर भी कोरोना का असर दिख रहा है। हमने प्रशासन से अनुमति ले ली है। कोरोना के मद्देनजर सभी सावधानियां बरती जाएंगी। घाट की सफाई और निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है।

 

वाघोली (Wagholi) के वाघेश्वर मंदिर (Wagheshwar Temple) में हर साल छठ पूजा का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार पुलिस की अनुमति अभी तक नहीं मिलने के कारण अभी फैसला अधर में लटका हुआ है। ऐसे में छठ करनेवाली व्रति घर पर ही छठ मनाएंगी।

 

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