कॉसमॉस बैंक साइबर अटैक मामले में 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश

पुणे : समाचार ऑनलाइन – कॉसमॉस बैंक के मुख्यालय के सर्वर पर साइबर हमला कर 94 करोड़ 42 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में साइबर क्राम ब्रांच ने आरोपियों के खिलाफ शिवाजीनगर कोर्ट में 1700 पन्नों का चार्जशीट पेश किया है। 11 व 13 अगस्त को कॉसमॉस बैंक के सर्वर जैसे पॉक्सी सर्वर के द्वारा दुनियाभर के 28 देशों से और देश के विभिन्न शहरों में क्लोन किए गए वीसा कार्ड व रुपे कार्ड के द्वारा 94 करोड़ 42 लाख रुपए निकाल कर एक बड़ी ठगी की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में पुणे पुलिस ने विशेष जांच दल गठित की थी। इस जांच दल को कोल्हापुर में जांच करने के दौरान एटीएम के जरिए पैसे निकालने का सुराग मिला।

इस मामले में पुलिस जांच टीम ने फहीम महफूज शेख (उम्र 27 वर्ष, नि. नूरानी कॉम्पलेक्स, भिवंडी) को कब्जे में लिया। उससे पूछताछ के बाद हफीम अजीम खान (उम्र 30 वर्ष, नि. सीमा हॉस्पिटल के पीछे, औरंगाबाद), शेख मोहम्मद अब्दुल जब्बार (उम्र 38 वर्ष,नि. आएसा मस्जिद के पास, मिर्जा कॉलोनी, सिल्लोड, औरंगाबाद), महेश साहेबराव राठौड (उम्र 22 वर्ष, धावरीतांडा, तहसील भोकर, जिला-नांदेड) के अलावा नरेश लक्ष्मीनारायण महाराणा (उम्र 34 वर्ष, नि. साईकृपा अर्पाटमेंट, नारंगी रोड, विरार ईस्ट, मूल कुलीना, उड़ीसा), मोहम्मद सईद इकबाल हुसैन जाफरी उर्फ अली (उम्र 30 वर्ष, नि. नं. 26, हमालवाड़ा, दर्गा रोड, भिवंडी), यूस्टेस अगस्टीन वाज उर्फ एंथनी (उम्र 41 वर्ष, मजाद, जोगेश्वरी ईस्ट, मुंबई), रफीक जलाल अंसारी (उम्र 34 वर्ष), अब्दुल्ला अफसर अली शेख (उम्र 28 वर्ष, दोनों नि. शॉप नंबर 4 स्टैंडस्टोन सोसायटी, मीरा रोड, ठाणे) कुल 9 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने कोल्हापुर व अजमेर से पैसा निकाला था।

साइबर क्राइम ब्रांच के डीसीपी ज्योतिप्रिया सिंह के मार्गदर्शन में विशेष जांच दल के पुलिस इंस्पेक्टर जयराम पायगुडे और टीम ने मामले की जांच की। गिरफ्तार आरोपियों को पैसे का लालच देकर उनके जरिए फर्जी डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर मुंबई व कोल्हापुर के एटीएम से कुछ रकम निकालने की बात जांच में सामने आई है। साइबर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश किया है। इस मामले के विदेश में बैठे आरोपियों को पुणे पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय व विदेश मंत्रालय की मदद से इंटरपोल के संपर्क में है। इसके जरिए इसके मुख्य सूत्रधारों को गिरफ्तार करने का प्रयास चल रहा है।