Chandrakant Patil | पंकजा मुंडे को लेकर चंद्रकांत पाटिल का सांकेतिक बयान ; आने वाले वर्षभर में पार्टी……..

पुणे (Pune News) : Chandrakant Patil | पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) और विनोद तावड़े (Vinod Tawde) को महाराष्‍ट्र विधान परिषद (Maharashtra Legislative Council) में जाने का फिर से मौका क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? यह सवाल सोमवार को पत्रकारों ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) से किया था. इस पर चंद्रकांत पाटिल ने सांकेतिक जवाब दिया है. उन्‍होंने संगठनात्‍मक जिम्‍मेदारी और चुनाव में मौका देने का बैलेंस बनाकर पार्टी कैसे आगे जा सकती है इस पर बयान देते हुए पंकजा और तावड़े को लेकर सकारात्‍मक बयान दिया है.

 

विनोद तावड़े की सोमवार को भाजपा के राष्‍ट्रीय महासचिव (National secretary General) पर नियुक्ति की गई है. इसे देखते हुए तावड़े की दो वर्षों के बाद राजनीतिक पुनर्वसन हुआ हे. तावड़े को पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में उम्‍मीदवार नहीं बनाया गया था. देवेंद्र फडणवीस सरकार (Devendra Fadnavis Government) में मंत्री रहे चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule)  के साथ भी ऐसा ही हुआ था. दूसरी तरफ पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) से चुनाव हार गई थी. उसके बाद उन्‍हें विधान परिषद में नहीं भेजा गया. इसलिए कई तरह से इन नेताओं द्वारा अपनी नाराजगी जताई जा रही थी. लेकिन अब एक-एक नेताओं का पुनर्वसन शुरू हो गया है. बावनकुले को विधान परिषद का उम्मीदवार बनाया गया है. जबकि तावड़े को पार्टी की तरफ से बड़ी जिम्‍मेदारी दी गई है. इस पर चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने अपनी राय व्यक्त की है.

 

पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े को विधान परिषद (Legislative Assembly) में मौका क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? इस सवाल पर चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि बावनकुले को दो वर्षों के बाद प्रतिनिधित्व मिला है. पंकजा और तावड़े को भी मिलेगी. इस वर्ष काफी स्कोप है. हम सभी संगठनात्मक जिम्मेदारी और चुनाव (Election) में मौके में संगठन की जिम्मेदारी को ज्‍यादा महत्‍व देते है. ऐसे तावड़े को अखिल भारतीय महासचिव (All India General Secretary) की इतनी बड़ी जिम्‍मेदारी है इसके आगे उनका दो साल पहले विधानसभा का काटा गया टिकट पीछे छूट जाएगा.

 

तावड़े को पार्टी की तरफ से दी गई बड़ी जिम्‍मेदारी मेरे लिए व्‍यक्तिगत तौर पर खुशी की बात है. जो संयम और निष्‍ठा रखते है मौका मिलने पर भी पार्टी के खिलाफ नहीं जाते है उन्‍हें एक दिन जरूर मौका मिलता है और यह मौका उम्‍मीद से बड़ा होता है. यही तावड़े के साथ हुआ है.

 

काफी समय से पार्टी से नाराज बताई जा रही पंकजा मुंडे को चंद्रकांत पाटिल के इस बयान से बड़ी राहत मिली होगी. देखना होगा पंकजा मुंडे कब और किस तरह की नई जिम्मेदारी दी जाती है.

 

 

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