चंद्रकांत पाटिल ने अधिकारियों को दी नसीहत, कहा- 2022 को ध्यान में रखकर मिशन मोड में कार्य करें 

पुणे : समाचार ऑनलाईन –  वर्ष 2022 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष पूर्ण होंगे। 2022 तक आम जनता को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड पर काम करें। राजस्व, पीडब्ल्यूडी व पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को अधिकारियों को यह अपील की। जिला वार्षिक योजना का उपलब्ध फंड भी निर्धारित समय में खर्च करने के निर्देश भी दिये। जिला वार्षिक योजना 2019-20 से संबंधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए वे बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने वित्त वर्ष में मंजूर कार्यों की समीक्षा भी की।

सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे

इस अवसर पर सांसद गिरीश बापट, जिलाधिकारी नवलकिशोर राम, अतिरिक्त मनपा आयुक्त शांतनु गोयल, जिला परिषद् के सीईओ उदय जाधव, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नृसिंह मित्रगोत्री, निवासी उप-जिलाधिकारी डॉ। जयश्री कटारे, जिला योजना अधिकारी प्रमोद केंभावी व सामाजिक न्याय विभाग के सहायक आयुक्त विजयकुमार गायकवाड़ सहित सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान पालकमंत्री ने वर्ष 2019-20 के लिए जिला योजना समिति द्वारा मंजूर विभिन्न कार्यों की वर्तमान स्थिति, किये गये खर्च आदि की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने वर्ष 2019-20 हेतु बनाये गये प्रारूप की विस्तृत जानकारी दी।

जिले में पर्यटन के विकास के लिए बड़े अवसर हैं

चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि पुणे जिले में पर्यटन के विकास के लिए बड़े अवसर हैं। इस बात को धन में रखकर पर्यटन-स्थलों के विकास के साथ ही पर्यटकों को सुविधाएं मुहैया कराने हेतु योजना बनाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ग्रामसड़क योजना के जरिए पिछले 3 वर्षों में जिले में हुए कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क-सुविधा उपलब्ध हो गई है।

बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य पूर्ण करने का निर्देश दिया

महावितरण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कृषिपंपों के संबंध में ग्राहकों को मार्च के आखिर तक बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। वन विभाग की विभिन्न योजनाओं के साथ ही स्वास्थ्य व खेल विभाग से संबंधित कार्यों, पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत सड़कों की स्थिति व उसके लिए जरूरी फंड, सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति हेतु उप-योजनाओं, दलित बस्ती सुधार योजना, आदि की समीक्षा कर योजनाओं की वर्तमान स्थिति, किये गये खर्च व कुल लागत आदि की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को सरकार की विकास योजनाओं के संबंध में जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर उनके सुझावों को ध्यान में लेने व विकासकार्यों को गति देने के निर्देश दिये।