नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : ‘चक्का जाम’ के दौरान मध्य दिल्ली के शहीदी पार्क के पास 50 व्यक्तियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पंजाब और हरियाणा में कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं गईं। राजस्थान में शनिवार को अनेक जगह ‘चक्का जाम‘ किया। राज्य के गंगानगर, हनुमानगढ, धौलपुर व झालावाड़ सहित अनेक जगह पर किसानों द्वारा चक्काजाम के समाचार हैं, जहां किसान मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर धरने पर बैठे हैं।
Haryana: Protests being held at Atohan Chowk near Palwal as part of countrywide 'Chakka Jaam' call given by farmers. pic.twitter.com/i5MCTe9GYE
— ANI (@ANI) February 6, 2021
दूसरी तरफ, पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रही। ड्रोन से बॉर्डर पर निगाह बनाए रखी जाती रही। पुलिस के आला अधिकारी भी बॉर्डर पर पहुंच स्थिति का जायजा ले रहे हैं। लाल किले पर भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए है। हालांकि इस बार पहले ही किसाने नेताओं ने कह दिया था कि दिल्ली की सीमा के अंदर कोई चक्का जाम प्रोग्राम नहीं होगा।”
बॉर्डर पर बैठे किसानों की तरफ से तैनात किए गए वालंटियर सुबह से ही स्थिति बनाए रखने में लोगों की मदद करते रहे। पुलिस की बैरिकेड से 100 मीटर पहले ही किसानों ने अपनी बैरिकेड लगा रखी है, ताकि किसी सामान्य व्यक्ति को आगे न बढ़ने दिया जाए।
गणतंत्र दिवस के बाद यह दूसरी दफा है, जब पुलिस की पूरी टीम एक साथ मिलकर चौकसी बनाए रखने के अपने काम में जुटी हुई है। दिल्ली पुलिस पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने कहा, “हमें पता चला है कि राजधानी में चक्का जाम करने की किसानों की कोई योजना नहीं है, लेकिन 26 जनवरी से पहले हुए समझौते की धज्जियां उड़ाए जाने के मद्देनजर हम कोई कसर नहीं छोड़ा चाहते हैं और इसी के चलते सीमावर्ती क्षेत्रों पर खासतौर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।”
Punjab: Protesters block roads as part of 'Chakka Jaam' call given by farmers from 12 pm to 3 pm today; visuals from Amritsar and Mohali#FarmLaws pic.twitter.com/xt5GvLYBlj
— ANI (@ANI) February 6, 2021
दरअसल तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं।