Central Railway | मध्य रेल के महाप्रबंधक ने ‘व्यापार विकास और अधिग्रहण योजना रणनीति 2021’ का किया अनावरण

मुंबई (Mumbai News) : मध्य रेल (Central Railway) के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी (Anil Kumar Lahoti) ने 4 सितंबर को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस मुंबई (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus Mumbai) में आयोजित एक बैठक में मध्य रेल (Central Railway) की माल ढुलाई प्रदर्शन की समीक्षा की। केवल मिलियन टन ही नहीं बल्कि राजस्व के मामले में भी मध्य रेल का माल ढुलाई प्रदर्शन अब तक का सबसे अच्छा है।

 

इस समीक्षा बैठक में अपर महाप्रबंधक बी.के. दादाभोय, प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक मणिजीत सिंह, प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, मध्य रेल के मुकुल जैन, सभी 5 मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक (Divisional Railway Manager) ने मीटिंग में भाग लिया। ए.के. लाहोटी (Anil Kumar Lahoti) ने नए दृष्टिकोण के साथ ग्राहकों से आगे संपर्क करने पर जोर दिया। मौजूदा कमोडिटी की रेल हिस्सेदारी बढ़ाने के साथ-साथ मध्य रेल के बास्केट (Central Rail Basket) में नई वस्तुओं को शामिल करने पर विस्तार से चर्चा की गई।

 

मध्य रेल ने 2019-20 में 62.43 मिलियन टन माल ढुलाई की और 2020-21 में कोविड लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान 62.02 मिलियन टन माल ढुलाई की। अप्रैल-अगस्त 2021 के दौरान मध्य रेल (Central Railway) ने 29.42 मिलियन टन लदान किया है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 41.7% अधिक है। मध्य रेल अपने बढ़े हुए लक्ष्य से 1.7% आगे है।

 

मध्य रेल की “व्यावसायिक विकास (Professional Development) और अधिग्रहण योजना रणनीति 2021” (Acquisition Planning Strategy 2021) का भी महाप्रबंधक ने अनावरण किया, उन्होंने कहा कि मध्य रेल ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत पूरे कमोडिटी बास्केट की मैपिंग की है। टीम मध्य रेल ने सर्वेक्षण के माध्यम से, लोकल उत्पादों की पहचान करते हुए रेल सह-कुशलता बढ़ाने की क्षमता का व्यापक रूप से पता लगाया है और विश्वसनीय और किफायती परिवहन के लिए रेलवे (Railway) को डोलोमाइट, फ्लाई ऐश, कॉटन बेल, बांग्लादेश को प्याज और ऑटोमोबाइल का निर्यात जैसे नए यातायात को जोड़ा है।

महाप्रबंधक ने कृषि कमोडिटी, ऑटोमोबाइल फ्लाई-ऐश और रसायनों में रेल हिस्सेदारी में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया है क्योंकि रेलवे परिवहन (railway transport) का एक सुरक्षित, सस्ता, तेज और विश्वसनीय साधन है। उन्होंने टीम को 2021-22 के दौरान 67.5 मिलियन टन लक्ष्य की चुनौती के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने ऑटोमोबाइल के अतिरिक्त यातायात को प्राप्त करने के लिए एनएमजी रेक के उच्च गति प्रोटोटाइप के विकास की भी सराहना की, जिससे ट्रांजिट समय कम हो जाएगा। खराब होने वाली वस्तु की आवाजाही की उच्च स्तर पर निगरानी की जाती है और ग्राहकों को ट्रांजिट समय का आश्वासन दिया जाता है। रेलवे ट्रेंड के मुताबिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम (transport system) को सिलकर तरह-तरह के इंसेंटिव ऑफर कर ग्राहकों की मदद कर रहा है।

सोलापुर  (Solapur) के अनार, भुसावल से प्याज, केला और अन्य खराब होने वाली अन्य उपज, नागपुर से संतरा और अन्य फल और पुणे (Pune) से चीनी जैसी उपज के किसानों को किसान रेल के माध्यम से एक फिलिप मिला है।  महाप्रबंधक ने  पारंपरिक वैगनों और वीपीयू में अधिक किसान स्पेशल चलाकर अधिक कृषि-वस्तुओं पर कब्जा करने पर जोर दिया। 2021-22 के दौरान मध्य रेल ने 324 किसान रेल चलाई है। मध्य रेल ने चालू वर्ष के दौरान अब तक पार्सल यातायात से राजस्व के रुप में 115 करोड़ रुपये कमाए हैं।  जो भारतीय रेलवे (Indian Railways) के किसी भी क्षेत्र द्वारा सबसे अधिक है।

 

 

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