कुलभूषण जाधव के फैसले पर मनाया जल्लोश

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर बुधवार को इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले के बाद बुधवार को देश के कई इलाकों में जश्न की तस्वीरें देखने को मिलीं। पिंपरी चिंचवड़ में अपना वतन संगठन के महिला ब्रिगेड द्वारा पिंपरी चौक व मनपा परिसर में पेड़े बांटकर इस फैसले का स्वागत किया और खुशियां मनाई गई। वहीं सातारा जिले के अनेवाड़ी गांव में भी ग्रामीणों ने जमकर जश्न मनाया। जाधव के परिवार के लोगों ने इस गांव में अपना छोटा सा फार्म हाउस बना रखा है और यहां खेती के लिए जमीन भी ली है।
इस जल्लोश में महिला ब्रिगेड की शहराध्यक्षा राजश्री शिरवलकर, उपाध्यक्ष आरती कोली, संगठक हेमलता परमार, सहसंगठक निर्मला डांगे, लक्ष्मी पांचाल, संपर्क प्रमुख हरिशचंद्र तोडकर, लक्ष्मण पांचाल, विशाल निर्मल, तौफिक पठाण, केशव बुडगल आदि शामिल हुए। सातारा जिले के अनेवाड़ी गांव में भी ग्रामीणों ने जमकर जश्न मनाया। बीती शाम जैसे ही मीडिया में आईसीजे के फैसले की रिपोर्ट्स सामने आईं, अनेवाड़ी गांव में लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। इस दौरान लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और गांव की सड़क से गुजर रहे हर एक शख्स का मुंह मीठा कराया।
आईसीजे के फैसले को भारत की बड़ी जीत बताते हुए गांव के लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘कुलभूषण जाधव जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए। जश्न मनाने वाले इन लोगों में तमाम ऐसे लोग भी थे, जो कभी भी जाधव से मिले नहीं थे। गांव के सरपंच शिवाजी गोरे ने कहा कि हमनें कभी भी कुलभूषण जाधव को देखा नहीं है, लेकिन हम ये जानते हैं कि वह एक बहादुर ऑफिसर हैं। हम काफी वक्त से उनके पाकिस्तानी जेल से रिहा होने की दुआएं कर रहे थे और गांव के लोग हर तरीके से उनके परिवार के साथ खड़े भी रहे। वहीं गांव के लोगों का मुंह मीठा कर रही संगीता गोरे ने कहा कि टीवी पर आईसीजे के फैसले को देखकर हमें काफी खुशी हुई है और हम उम्मीद करते हैं कि जाधव को जल्द रिहा कर दिया जाएगा।
बता दें कि आईसीजे ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराए जाने और फांसी की सजा की ‘समीक्षा’ करनी होगी और उस पर ‘पुनर्विचार’ करना होगा। भारत के लिए यह बड़ी जीत है। 49 साल के कुलभूषण जाधव इंडियन नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर हैं। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने बंद कमरे में चली सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में जाधव को ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। उनकी सजा पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आईसीजे के अध्यक्ष जज अब्दुलकवी अहमद यूसुफ की अगुआई वाली 16 सदस्यीय बेंच ने 15-1 के बहुमत से पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गई सजा की समीक्षा का आदेश दिया।