बैंक संबंधी मामलों में CBI नहीं करेगा हस्तक्षेप: वित्त मंत्री निर्मला सितारमण

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करने से पहले शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कई अहम जानकारियां दी, जिनमें मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) फीस को लेकर सरकार द्वारा लिया गया निर्णय और बगैर बैंक की मंजूरी के धोखाधड़ी के केस की CBI जाँच नहीं होगी, आदि शामिल हैं.

इनमें से सबसे पहले हम बात करते हैं MDR की. उन्होंने एमडीआर संबंधी बदलाव पर प्रकाश डालते हुए बताया कि, अब मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) फीस का खर्च सरकार वहन करेगी। इस बीच, उन्होंने कहा कि जनवरी से, 50 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों को रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआई क्यूआर के माध्यम से भुगतान की सुविधा प्रदान करनी होगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये कंपनियां एमडीआर शुल्क नहीं लेंगी।

क्या होता है एमडीआर

डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर, एमडीआर चार्ज होता है, जो कि व्यापारी अपने सेवा प्रदाता या सर्विस प्रोवाइडर को प्रदान करता है। पीओएस टर्मिनल पर हर बार कार्ड स्वाइप करने के लिए चार्ज किया जाता है। ऑनलाइन और क्यूआर कोड के माध्यम से लेनदेन के लिए एक शुल्क है।

कितना लगता एमडीआर है?

व्यापारी या मर्चेंट द्वारा दिया जाना वाला यह शुल्क तीन हितधारकों (स्टेकहोल्डर) में बाँटा जाता है.  इसमें लेन-देन की सुविधा देने वाला एक बैंक, एक पीओएस इंस्टाल करने वाला एक विक्रेता और एक कार्ड नेटवर्क सेवा प्रदाता शामिल है। क्रेडिट पर स्वाइप के दौरान यह चार्ज 2 प्रतिशत तक हो सकता है।

बता दें की जुलाई 2019 के बजट में, वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि, 50 करोड़ के टर्नओवर वाले और इससे अधिक के कारोबार वाले को डिजिटल भुगतान के लिए अपनी फीस कम करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा था कि, RBI को इस खर्च का वहन करना चाहिए। 1 फरवरी, 2020 को वित्त मंत्री मोदी सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगी।

CBI बैंकों पर सीधी कार्रवाई नहीं कर सकती है

इसके अलवा उन्होंने पत्रकारों को यह भी बताया कि, केंद्रीय जांच एजेंसी या सीबीआई बैंक के खिलाफ सीधी कार्रवाई नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि किसी भी धोखाधड़ी के मामले में,  सिर्फ बैंक ही सीबीआई को मामला सौंप सकती है. बैंक की मंजूरी के बिना किसी भी मामले को सीबीआई के पास नहीं भेजा जाएगा।

बता दें की आज एक बैठक भी आयोजित हुई थी जिसमें वित्त मंत्री के साथ कुछ बैंकों के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शामिल हुए थे. इस दौरान सरकारी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और उनके व्यवसाय के विकास की समीक्षा की गई.

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