शिवसेना पदाधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन –  अवैध निर्माण कार्य के खिलाफ कार्रवाई न करने और उसे ढ़हने न देने के लिए एक लाख 20 हजार रुपए लेकर धोखाधड़ी करने को लेकर पिंपरी चिंचवड़ शिवसेना के एक पदाधिकारी के खिलाफ वाकड़ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। युवराज भगवान दाखले (निवासी रहाटणी, पुणे) ऐसा मामला दर्ज किए पदाधिकारी का नाम है। वह खुद को शिवसेना का पदाधिकारी बताता और अपने शिव व्यापारी संगठन को भी शिवसेना का अंगीकृत संगठन बताता। उसके खिलाफ स्मिता संजय देसाई (37, निवासी इंद्रायणीनगर, थेरगांव) ने शिकायत दर्ज कराई है।
दाखले के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद शिवसेना ने उसे अपना बताने से इनकार किया है। शिवसेना के पिंपरी चिंचवड के संपर्कप्रमुख बाला कदम ने बताया कि, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आदेशानुसार दाखले को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। वह कभी पार्टी संगठन के किसी पद पर नियुक्त न था। उसका शिव व्यापारी संगठन भी शिवसेना से संलग्न नहीं है। शिवसेना का नाम लेकर आम लोगों और प्रशासन को परेशान करने वाले से पार्टी का कोई सरोकार नहीं है। बहरहाल दाखले ने दावा किया है कि वह पिंपरी से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में रहने और आम लोगों व व्यापारियों के मसलों पर आवाज उठाने के चलते उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है।
वाकड़ पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता स्मिता देसाई का थेरगांव के इंद्रायणीनगर में घर है। उनका पुराना घर ढहा कर आरसीसी कंस्ट्रक्शन किया जा रहा था। खुद को शिवसेना पदाधिकारी बतानेवाले युवराज दाखले ने उन्हें बताया कि उनका निर्माण कार्य अवैध है मगर मैं उसे गिराने नहीं दूंगा। उसके लिए उसने देसाई व अन्य तीन लोगों से 30- 30 हजार कुल एक लाख 20 हजार रुपए लिए। इसके बाद पिंपरी चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण के अमले ने सभी के निर्माण कार्य ढहा दिए। खुद को ठगा पाकर देसाई ने दाखले के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। वाकड़ थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक तानाजी भोगम मामले की छानबीन में जुटे हैं। बहरहाल दाखले ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराए जाने का दावा किया है।