वाढवण समुंद्री अभ्यारण्य घोषित करने के लिए मुहिम

पालघर, 21 नवंबर वाढवण के पास समुंद्र के खडकाळ क्षेत्र के दुर्गम समुंद्र में मछली जैव विविधता और शैवाल मिलने से यह क्षेत्र समुंद्री अभ्यारण्य के रूप में घोषित कराने  के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने प्रयास शुरू कर दिया है।  इसके लिए समुंद्री रिसर्चर्स, अध्यनकर्ताओं ने यहां मिले मछली की जातियों का विभिन्न तरह का निरिक्षण कर जैव विविधता के लिए प्रयास शुरू किया है।

वाढवण के समुंद्री बंदरगाह तैयार कर इस समुंद्री संपत्ति को नष्ट करने की साजिश की जा रही है ।  यहां पर कई दुर्लभ मछली प्रजाति व जैव विविधता मिले है ।  इसलिए इसे समुंद्री अभ्यारण्य घोषित कराने के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने सोशल मीडिया के जरिये चलाई गई मुहिम को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।  सोशल मीडिया के जरिये अधिकांश लोगों ने इस जैव विविधता को बनाये रखने के पक्ष में है।  बोम्बेयाना नाम का समुंद्री गोगलगाय केवल मुंबई के समुन्द्र में मिलता हैं लेकिन यहां भी यह मिला है।  पाइप फिश नाम के मछली को राष्ट्रीय प्राणी बाघ की तरह संरक्षण प्राप्त होने की जानकारी प्रा भोईर ने दी है।  उन्होंने यहां जैव विविधता बनाये रखने को जरुरी बताया है।
यहां पर दुर्लभ प्रजाति के समुंद्री घोड़े स्थानीय लोगों ने देखा है। पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि पाइप फिश प्रजाति यहां बड़ी मात्रा में है।
वाढवण प्राकृतिक मछली बीज केंद्र 
वाढवण प्राकृतिक मछली बीज निर्मिती केंद्र होने का उल्लेख केंद्रीय समुंद्री मछली रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में बताया गया है।  डहाणू नोटिफिकेशन में इसका जिक्र करके पर्यावरण की दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्र में शामिल किया है।  उसके बावजूद समुंद्री अभ्यारण्य घोषित करने का प्रयास नहीं हुआ।  इसलिए अधिकांश लोगों की राय है कि बंदरगाह न बनाकर जैव विविधता बनाये रखा जाना चाहिए।