ब्रेक्सिट जनमत संग्रह के परिणाम से दुखी हो गए थे कैमरन

लंदन (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने आखिरकार ब्रेक्सिट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि 2016 के जनमत संग्रह के परिणाम ने उन्हें बहुत दुखी कर दिया था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यूरोपीय संघ (ईयू) छोड़ने के लिए 23 जून, 2016 को ब्रिटिश जनता के वोट करने के बाद एक महीने से भी कम समय में कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में 52 और अलग नहीं होने के पक्ष में 48 वोट पड़े थे।

तीन साल से अधिक समय के बाद, मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटेन 31 अक्टूबर को किसी समझौते के साथ या बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ को छोड़ देगा।

ब्रिटिश अखबार द टाइम्स को दिए शुक्रवार के एक साक्षात्कार में, कैमरन ने कहा कि वह जानते हैं कि कुछ लोग जनमत संग्रह कराने के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे, लेकिन उन्हें लगता है कि एक जनमत संग्रह ‘अनिवार्य’ था।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “इस मुद्दे से निपटने की जरूरत थी और मुझे लगा कि जनमत संग्रह आ रहा है, इसलिए बेहतर होगा कि हम कुछ सुधारों की कोशिश करें जिसकी हमें जरूरत है और जनमत संग्रह कराए।”

उन्होंने कहा, “लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि यह प्रयास विफल रहा। मैं समझता हूं कि कुछ लोग बहुत नाराज हैं क्योंकि वे ईयू छोड़ना नहीं चाहते थे। ना ही मैं ऐसा चाहता था।”

कैमरन ने स्वीकार किया कि वह हर रोज जनमत संग्रह के बारे में सोचते हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे इस बात की बहुत चिंता है कि आगे क्या होने वाला है। मुझे लगता है कि हम एक ऐसी स्थिति में पहुंच सकते हैं, जहां हम अलग हो जाएंगे, लेकिन हम दोस्त, पड़ोसी और साझेदार हैं। हम ऐसी स्थिति में पहुंच सकते हैं लेकिन मैं उस क्षण में तेजी से आगे बढ़ना पसंद करूंगा क्योंकि यह देश के लिए तकलीफदेह होगा और ऐसा होते देखना दर्दभरा होगा।”

साक्षात्कार उनके संस्मरण ‘द रिकॉर्ड’ के आगामी प्रकाशन से पहले सामने आया है, जिसमें जनमत संग्रह से पहले, इसके दौरान और बाद में ब्रेक्सिट के संबंध में बहस का विवरण है।