बीएसएनएल कर्मियों ने ‘इस’ वजह से केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा

पुणे : समाचार ऑनलाईन –  भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कर्मियों की आयु 60 से घटाकर 58 करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ बुधवार को देशभर में बीएसएनएल के जिला मुख्य कार्यालयों में प्रदर्शन किये गये। शहर में भी पुणे-सातारा रोड पर स्थित बीएसएनएल ऑफिस के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रिटायरमेंट की आयु यथावत 60 ही रखने की मांग की।

ऑल यूनियन्स एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल (महाराष्ट्र परिमंडल) द्वारा भी राज्य के विभिन्न कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किये गये। बुधवार को ही दिल्ली में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक बुलाई गई थी और बैठक की प्रोग्राम-शीट पर उक्त विषय पर चर्चा का उल्लेख था। इसी वजह से यह विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें ऑल इंडिया बीएसएनएल एक्जीक्यूटिव एसोसिएशन, बीएसएनएल एम्प्लॉइज्ड यूनियन, नेशनल फेडरेशन टेलिकॉम एम्प्लॉइज यूनियन व संचार निगम एक्जीक्यूटिव एसोसिएशन के सदस्य व कर्मी शामिल हुए।

ऑल इंडिया बीएसएनएल एम्प्लॉइज यूनियन के उपाध्यक्ष नागेश नलावड़े ने कहा, पुणे में किये गये प्रदर्शन में लगभग 400 कर्मियों ने भाग लिया। दरअसल वाजपेयी सरकार ने बीएसएनएल कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष की थी, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार इसमें 2 साल घटाने का मंसूबा पाले हुए है। अगले 2 वर्षों में देशभर के 30 से 35 हजार कर्मी रिटायर हो रहे हैं और ऐसे में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) योजना लाये जाने पर और भी कर्मी रिटायर होंगे। एक तरह से केंद्र सरकार बीएसएनएल को खत्म करने पर आमादा है।

उन्होंने कहा, बीएसएनएल को बचाने हेतु हमने बार-बार आंदोलन किये। बीएसएनएल को ऋण लेने की अनुमति व फोर-जी स्पेक्ट्रम जैसी सुविधा देने जैसी मांगों को लेकर हम संघर्ष कर रहे हैं। वर्तमान सरकार वाजपेयी सरकार का निर्णय बदल रही है। सरकार द्वारा वर्ष 2000 व 2007 में कर्मचारियों के संबंध में हुए करार को पैरों तले रौंदने की कोशिश कर रही है, जिसका हम विरोध करते हैं।