Bombay High Court | अनिल देशमुख मामले में हाईकोर्ट ने ठाकरे सरकार को दिया झटका, CBI को जांच करने का अवसर

मुंबई : ठाकरे सरकार (Thackeray Government) को मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने झटका दिया है। अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) मामले में राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे (Sitaram Kunte) और राज्य के पुलिस महासंचालक संजय पांडे (Sanjay Pandey) को भेजा गया समन उचित है ऐसा कहते हुए राज्य सरकार (State government) की सीबीआई (CBI) के खिलाफ वाली याचिका मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने खारिज कर दी। कुंटे और पांडे को व्यक्तिगत समन भेजा गया है, ऐसे में राज्य सरकार ने याचिका दी है जो अनुचित है, ऐसा उच्च न्यायालय ने कहा है।

 

CBI ने अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) से संबंधित मामले की जांच करने के लिए विशेष टीम (SIT) की मांग करनेवाली याचिका मुंबई उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी। साथ ही सीबीआई को सभी तरह की जांच करने का मौका उच्च न्यायालय ने दिया है।

 

फोन टैपिंग मामले में रश्मि शुक्ला की याचिका खारिज

 

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने अवैध तरीके से फोन टैपिंग और उससे संबंधित खूफिया रिपोर्ट लीक मामले में एफआईआर दर्ज किया है। इस मामले में गिरफ्तारी की संभावना होने की वजह से रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) ने इस एफआईआर को रद्द करने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दी थी। यह जांच सीबीआई के पास सौंपे और कठोर कार्रवाई से संरक्षण दें, इन प्रमुख मांगों को याचिका के माध्यम से किया गया था।  इस याचिका पर सुनवाई के दौरान मुंबई उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण निरीक्षण देते हुए फोन टैपिंग (Phone Tapping) मामले में रश्मि शुक्ला द्वारा दर्ज की गई याचिका खारिज कर दी। हालांकि शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई करनी है तो मुंबई पुलिस 7 दिन पहले नोटिस दें, ऐसा निर्देश दिया।

 

 

 

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