बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति सैनन ने किया खुलासा “ज्यादा उम्र के लड़के लगते हैं हैंडसम” क्योकि…..

समाचार ऑनलाइन – इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर हीरोइन बनीं 28 साल की कृति सैनन सीए पिता और प्रोफेसर मां की संतान हैं। पिता की तरह वह करियर का हर दांव पूरे गुणा-भाग से साथ चलती हैं और मां से उन्होंने सीखा है हर बात साफ-साफ करना। करियर के महज पांच साल में चार सुपरहिट फिल्में दे चुकीं कृति सैनन की अगली फिल्म अर्जुन पटियाला रिलीज की तैयारी में है।

हीरोपंती, दिलवाले, बरेली की बर्फी और लुकाछुपी। करियर बिल्कुल सही रफ्तार में जा रहा है आपका, तो मान लें कि अब सब आसान हो गया है?

ऐसा नहीं है कि मैंने नामी लोगों के साथ काम कर लिया तो काम मिलना आसान हो गया है। मैं इस बात से खुश हूं कि अलग अलग तरह की फिल्में आ रही हैं मेरे पास। फिल्म बरेली की बर्फी ने वाकई में मेरा खेल बदला। मैं लुकाछुपी ने मेरे करियर को किक दिया। मेरे हिसाब से काम मिलना आसान अच्छी फिल्मों में काम करने से होता है। मैंने थिएटर वगैरह नहीं किया है। मैं फिल्में कर करके सीख रही हूं। फिर चाहे वह शाहरुख खान हों या अक्षय कुमार सभी से कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है।

अब आगे कैसा किरदार करने की चाहत है?

जो थोड़ा और मुश्किल हो, अंदर से टूटा हुआ हो, कोई ऐसा किरदार जिसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा हो, साथ ही साथ इसे थोड़ा नेगेटिव भी होना चाहिए। इस तरह के किरदार अभी तक नहीं किए हैं मैंने।

अभिनेत्रियों की शेल्फ लाइफ की बातें इन दिनों बहुत हो रही हैं, आपका क्या कहना है? क्या वाकई सिनेमा में लड़कियों का करियर बहुत छोटा होता है?

पहले से काफी बेहतर हो गई हैं अब चीजे। कुछ साल पहले जब कोई अदाकारा शादी कर लेती थी तो वह या तो खुद ही फिल्मों में काम नहीं करती थी या निर्माता उन्हें काम देते थे। अगर आप अपना ख्याल थोड़ा सा और ज्यादा रखते हैं तो शेल्फ लाइफ और भी बढ़ जाती है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आप हमेशा एक कॉलेज स्टूडेंट की भूमिका में ही नजर आएंगे। हां, पुरुष कलाकारों की तुलना में ये अब भी कम है। वे 50 साल के होने के बाद भी कॉलेज स्टूडेंट बन जाते हैं। एक हीरोइन के लिए ये बहुत मुश्किल है। मुझे कई बार ऐसा भी लगता है कि मर्द उम्रदराज होने के बाद और हैंडसम हो जाते हैं।

अर्जुन पटियाला में आपका किरदार आपके पिछले किरदारों से कितना अलग है?

जैसे हर इंसान अलग होता है उसी तरह कोई दो किरदार भी एक जैसे नहीं होते। एक ही समानता है कि जैसे पहली फिल्मों में मेरे बेबाक किरदार थे वैसे ही यह भी किरदार थोड़ा बेबाक है। पर वह एक क्राइम जर्नलिस्ट है। एक पंजाबी लड़की है। पंगा नहीं ले सकते आप उससे। अगर उसे कोई छेड़ेगा तो पीट देती है।

हां, ट्रेलर में हमने देखा आपको दिलजीत की पिटाई करते हुए। क्या वाकई में वह बहुत पिटे फिल्म में आपसे?

दिलजीत एक बहुत ही अच्छे इंसान हैं। असल जिदगी में वह बेहद शर्मीले हैं। पर कैमरे के सामने आते ही एक अलग इंसान में तब्दील हो जाते हैं। पंजाबी फिल्मों में काफी कॉमेडी की है उन्होंने। हिंदी सिनेमा में ये उनकी पहली कोशिश है। अर्जुन पटियाला दिलजीत की उन फिल्मों नें गिनी जाएगी जो उनकी प्रतिभा का सही तरह से प्रदर्शन करती है।