इलाज के अभाव में कोरोनरी मरीज की मौत के लिए भाजपा की जवाबदेही

पूर्व विधायक विलास लांडे की राय; प्रतिनिधि मंडल के साथ मनपा आयुक्त को दिया ज्ञापन
संवाददाता, पिंपरी। कोरोना की पहली लहर थमने के बाद प्रशासन सुस्त पड़ा था। प्रशासन की इस लापरवाही और समन्वय की कमी के कारण दूसरी लहर में इलाज नहीं मिलने से कई मरीजों की मौत हो गई है। इसके लिए पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सत्तारूढ़ भाजपा जिम्मेदार है। जल्द ही कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए योजना बनाई जानी चाहिए। पूर्व विधायक विलास लांडे ने उन बच्चों के लिए उचित नियोजन की मांग की है जो लहर से प्रभावित होने की अधिक संभावना रखते हैं।
पूर्व विधायक लांडे ने बुधवार को नगरसेवक संजय वाबले, रिपब्लीकन युवा मोर्चा के राहुल डंबाले, कष्टकरी पंचायत के बाबा कांबले, सामाजिक कार्यकर्ता अनिता सावले, सम्राट सेना के संतोष निर्सगंध आदि के साथ मनपा आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है कि, कोरोना की दूसरी लहर में, पिंपरी चिंचवड़ में कई नागरिक मारे गए। इनमें से कई मौतें इलाज के अभाव में हुईं। ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर बेड समय पर उपलब्ध नहीं हैं। यह आपातकालीन स्थिति रीमेडिविविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन की आपूर्ति में नियोजन की कमी, अस्पताल प्रबंधन और मनपा प्रशासन के बीच समन्वय की कमी के कारण उत्पन्न हुई है। अब उचित योजना बनाई जानी चाहिए ताकि ऐसी स्थिति कोरोना की संभावित तीसरी लहर में न हो। इस लहर में छोटे बच्चों को संक्रमण का खतरा अधिक है। इसके लिए, ढाई सौ ऐसे संभावित रोगियों के लिए मानपा द्वारा की गई योजना कम हो जाएगी और प्रतिकूल क्षति हो सकती है। इस जोखिम को ध्यान में रखते हुए उचित योजना की आवश्यकता है।
रिपब्लिकन युवा मोर्चा के राहुल डंबाले ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि, निजी अस्पतालों को सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क के अनुसार बिल दिया जाना चाहिए, लेकिन निजी अस्पताल अवास्तविक बिल वसूल रहे हैं। इस संबंध में, मनपा को लेखा अधिकारी द्वारा ऐसे निजी अस्पतालों के बिलों की जांच करनी चाहिए।  इस बारे में मनपा आयुक्त राजेश पाटिल ने कहा कि इसके लिए 26 कर्मचारियों और अधिकारियों की एक बड़ी टीम नियुक्त की गई है। बाबा कांबले ने कहा कि मनपा के चिकित्सा और स्वास्थ्य कर्मचारियों की तरह, दूध, सब्जी विक्रेता, रिक्शा चालक और अन्य मेहनती श्रमिकों को भी ‘फ्रंट लाइन वर्कर्स’ का दर्जा दिया जाना चाहिए और प्राथमिकता के क्रम में टीका लगाया जाना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता अनिता सावले ने कहा, पिंपरी चिंचवड़ मनपा द्वारा संचालित सभी अस्पतालों में नर्सों, लैब तकनीशियनों और एक्स-रे तकनीशियनों की संख्या कम है। इस आवश्यक सेवा में कर्मचारियों के रिक्त पदों को तुरंत भरकर चिकित्सा सेवा पर तनाव को कम किया जाना चाहिए। सम्राट सेना के संतोष निसर्गंध ने कहा, तालाबंदी के दौरान, मनपा ने घोषणा की कि गरीब लोगों को 3,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए बहुत से कागजी काम करने पड़ते हैं। इसका मतलब है कि यह सबसे भ्रमपूर्ण योजना है। अभी तक कोई भी सही समाधान नहीं मिल सका है न ही किसी को योजना का लाभ मिल सका है।