शिवसेना के किले में सुरंग करने के लिए भाजपा का मिशन मुंबई; आज रणनीति तैयार होगी 

मुंबई, 18 नवंबर : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे में भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिली है।  इससे कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है।  बिहार चुनाव के परिणाम का असर महाराष्ट्र में भी पड़ेगा। भाजपा की जीत के पीछे देवेंद्र फडणवीस की उत्तम रणनीति की प्रशंसा भाजपा के नेता कर रहे है।  जबकि तेजस्वी के नेतृत्व की प्रशंसा महाविकास आघाडी के नेता कर रहे है।  बिहार चुनाव  के नतीजों के बाद अब राज्य की भाजपा नेता आगामी मनपा चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर दिया है ।

आगामी मनपा चुनाव में शिवसेना के गढ़ में सुरंग बनाने के लिए भाजपा मिशन मुंबई शुरू किया है।  मुंबई  में आज भाजपा कार्यकारणी की बैठक है।  इस बैठक का नेतृत्व विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल करेंगे।  मुंबई मनपा चुनाव के मद्देनज़र इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।  मुंबई में पिछले कई सालों से मनपा में शिवसेना की सत्ता है।  इसलिए इस सत्ता पर कब्ज़ा ज़माने के लिए भाजपा प्रयासरत है ।

मुंबई के भाजपा के संगठन और चुनाव की रणनीति की समीक्षा के लिए यह बैठक बुलाई गई है।  इस बैठक में मुंबई भाजपा नगरसेवक, पदाधिकारी, विधायक और सांसद उपस्थित रहेंगे।  इस बैठक में शिवसेना का कॉलर पकड़ने के लिए रणनीति बनाई जाएगी।

मुंबई मनपा चुनाव में शिवसेना की कई वर्षों से सत्ता है।  पिछले वर्ष मनपा में भाजपा और शिवसेना गठबंधन  सत्ता में थी। लेकिन पिछले चुनाव भाजपा और शिवसेना ने अलग अलग लड़ा।  इस चुनाव में भाजपा और शिवसेना की कांटो की टक्कर देखने को मिली। शिवसेना के 92 जबकि भाजपा 82 नगरसेवक चुनकर आये थे।  लेकिन राज्य की सत्ता में एकसाथ होने की वजह से भाजपा ने अपना नगरसेवक बिठाने की कोशिश नहीं की।  उस वक़्त भाजपा ने कहा था कि वह पहरेदार की भूमिका निभाएगी।

विधानसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा एक साथ चुनाव लड़ी।  इसमें भाजपा को 105 सीटों और शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन परिणाम के बाद शिवसेना ने भाजपा  का साथ छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली।

मुंबई मनपा में कांग्रेस-राष्ट्रवादी और मनसे की भूमिका निर्णायक

 

राज्य में शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी तीन पार्टियों की महाविकास आघाडी की सरकार है।  लेकिन मुंबई मनपा में कांग्रेस विरोधी पक्ष की भूमिका में है।  मुंबई में राष्ट्रवादी की इतनी ताकत नहीं है इसलिए शिवसेना-राष्ट्रवादी एकसाथ आ सकते है।  लेकिन कांग्रेस का रुख क्या होगा इसपर सबकी नज़रें होगी।  पिछले चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर 82 नगरसेवक को जिताने में सफल रही थी।  ऐसे में इस चुनाव में तीनों दल एक साथ मिलकर लड़े तो भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी।

लेकिन मनपा चुनाव में मनसे की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।  2012 के चुनाव में मनसे के 27 नगरसेवक जीत कर आये थे।  लेकिन पिछले चुनाव में उसके केवल 7 नगरसेवक ही चुनकर आये।  इसमें से 6 नगरसेवक शिवसेना में चले गए। मनसे इस बार अकेले चुनाव लड़ती है या भाजपा के साथ मिलकर ये देखना होगा।