राष्ट्रवादी के मैदान से बाहर होने से केशव घोलवे निर्विरोध
विधायक महेश लांडगे की ‘पॉलिटिक्स वुईथ रिस्पेक्ट’ का असर
पिंपरी। बहुचर्चित उपमहापौर के चुनाव में पिंपरी चिंचवड़ मनपा के सत्तादल भाजपा ने बाजी मार ली है। पार्टी की आंतरिक गुटबाजी और मतभेदों को भुलाकर भाजपा के शहराध्यक्ष एवं विधायक महेश लांडगे की ‘पॉलिटिक्स वुईथ रिस्पेट’ की अपील को सकारात्मक तवज्जो देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस ने चुनाव के मैदान से बाहर निकलने का फैसला किया। शुक्रवार को चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद राष्ट्रवादी की प्रत्याशी निकिता कदम ने अपना नामांकन पत्र वापस लिये जाने से भाजपा के केशव घोलवे उपमहापौर पद पर निर्विरोध चुने गए।
तत्कालीन उपमहापौर तुषार हिंगे का अचानक इस्तीफा लिए जाने के बाद नए उपमहापौर के लिए चुनाव घोषित हुआ है। 14 माह बाद मनपा के आम चुनाव के मद्देनजर उपमहापौर की सीट के लिए सत्तादल के नगरसेवकों में होड़ मची थी। इस पद के लिए पुराने भाजपाइयों के गुट से रवि लांडगे, केशव घोलवे के साथ ही वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण जगताप के समर्थक नगरसेविका हिरानानी घुले, नगरसेवक संदीप कस्पटे और तुषार कामठे, भाजपा शहराध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे समर्थक नगरसेविका सारिका लांडगे, निर्मला गाकवाड, नगरसेवक वसंत बोराटे स्थायी समिति की भूतपूर्व अध्यक्षा सीमा सावले की समर्थक वरिष्ठ नगरसेविका आशा शेंडगे इच्छुक थे।
विधायक लांडगे अपने समर्थक नगरसेवक वसन्त बोराटे के लिए आग्रही थे। जबकि विधायक लक्ष्मण जगताप चाहते थे कि उनके किसी समर्थक को मौका मिले। हालांकि इस बार न तो भाजपा के ‘दादा की दबंगई’ चली न ‘भाऊबली की कोई कारगुजारी’। भूतपूर्व मंत्री पंकजा मुंडे की सिफारिश पर प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने केशव घोलवे को प्रत्याशी घोषित किया। सोमवार को नामांकन दाखिल करने की मियाद में भाजपा की ओर से केशव घोलवे और प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से निकिता कदम ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। पुणे मनपा के अतिरिक्त आयुक्त कुणाल खेमणार इस चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त थे। उनकी अध्यक्षता में चुनाव की प्रक्रिया पूरी की गई।
राष्ट्रवादी के प्रत्याशी के मैदान में रहने से उपमहापौर के चुनाव को लेकर भारी उत्सुकता थी। इस बीच भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक महेश लांडगे मनपा मुख्यालय में विपक्षी नेता राजू मिसाल, जोकि उनके पुराने दोस्त भी हैं, के दफ्तर पहुंचे। इन दोनों और पूर्व महापौर मंगला कदम के बीच गुफ्तगू के बाद निकिता कदम ने अपना नामांकन पत्र वापस लिया। इसके चलते भाजपा के केशव घोलवे निर्विरोध चुने जाने की घोषणा की गई। वस्तुतः अपने समर्थक नगरसेवक को मौका न दिला सकने से विधायक लांडगे नाराज थे। नामांकन दाखिल करने के दिन भी उनकी नाराजगी देखी गई। बाद में छह- छह माह का कार्यकाल तय किया गया। आज भी अपनी नाराजगी और पार्टी की आंतरिक गुटबाजी, मतभेदों को भुलाकर लांडगे ने यह चुनाव निर्विरोध संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई।