BJP | विधायकों का निलंबन कायम रहेगा ! सत्तापक्ष एकमत ; अध्यक्ष के लिए राज्यपाल की भूमिका निर्णायक साबित होगी 

मुंबई (Mumbai News), 7 जुलाई : भाजपा (BJP) के 12 विधायकों का  निलंबन बनाये रखने पर महाविकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) के तीनों दलों के नेता मंगलवार को एकमत नज़र आये।  इस अवधि में विधानसभा अध्यक्ष पद (assembly speaker post) का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।  लेकिन इसके लिए राज्यपाल (Governor) को तय की गई तारीख भेजने के नियम है।  इसकी वजह से इसे लेकर अब अलग तरह की राजनीति शुरू हो गई है।

सभागृह में अभूतपूर्व हंगामा और उपाध्यक्ष के कक्ष में गली-गलौज, मारपीट करने वाले भाजपा (BJP) के 12 विधायकों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया था।  लेकिन मंगलवार को विरोधियों ने कामकाज का बहिष्कार किया तो यह चर्चा शुरू हो गई कि निलंबन वापस लिया जायेगा। इस पर एक सीनियर नेता ने कहा कि किसी भी स्थिति में निलंबन की अवधि कम नहीं की जाएगी।  विधानसभा (Assembly) के इतिहास में पहली बार ऐसी घटना घटी है।

अगर इस गलती को माफ़ किया गया तो कोई भी सदस्य किसी भी तरह का व्यवहार करेंगे।  उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (AJit Pawar) ने कहा कि 18 सदस्यों ने हंगामा किया होता तो 18 सदस्यों को निलंबित किया जाता।  उन्होंने साफ़ किया कि जिस तरह से भाजपा (BJP) सदस्यों का व्यवहार रहा है और लगातार सरकार को दबाने का प्रयास जारी है उन्हें उसी तरह से जबाव दिया जाएगा।  ऐसे में किसी भी स्थिति में किसी भी विधायक का निलंबन वापस नहीं होगा।  एक वर्ष तक निलंबन के निर्णय पर तीनों दल एकमत है।  कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने इसका समर्थन किया है।

इस बीच खबर है कि विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the Assembly) का चुनाव होगा। इसके लिए सरकार को राज्यपाल को अध्यक्ष पद के चुनाव का पत्र भेजना पड़ता है।  इस पत्र के बाद राज्यपाल जो तारीख देते है उस तारीख से एक दिन पहले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाती है।  मौजूदा स्थिति में अगर राज्यपाल तारीख नहीं देते है तो कांग्रेस (Congress) को जल्द अध्यक्ष पद मिलना कठिन है।  लेकिन इससे पहले राज्यपाल खुद दो बार कह चुके है कि अध्यक्ष पद का चुनाव कराया जाए।  राज्यपाल ने तारीख नहीं दी तो उन पर राजनीति करने का आरोप लगेगा . ऐसे में अध्यक्ष पद के चुनाव की मुश्किलें फ़िलहाल कम नहीं हुई  है।
दूसरे दिन भाजपा सदस्य का दुर्व्यवहार

अधिवेशन के पहले दिन भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन किया गया।

उसके बाद भाजपा (BJP) ने विधानसभा के कामकाज का बहिष्कार किया था।

दूसरे दिन दोपहर में विधानसभा में रवि राणा अकेले आये।

उन्होंने अपने बदन पर मांगों का बैनर लगा रखा था।

वह सीधे अध्यक्ष के आसन तक गए।  वहां रखा राजदंड उठाकर बाहर जाने का प्रयास किया।

उस वक़्त प्रोटेम स्पीकर भास्कर जाधव थे।

उनके सुरक्षा रक्षको ने राजदंड को वापस अपनी जगह पर रखकर रवि राणा को बाहर निकाला।

अब सदस्यों   ने रवि राणा को निलंबित करने की मांग की है।

 

 

 

 

 

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