भाजपा- शिवसेना की यात्रा मुख्यमंत्री पद के लिए

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘महाजनादेश’ यात्रा निकाली है। जबकि शिवसेना के युवराज आदित्य ठाकरे अपनी ‘महाआशिर्वाद’ पर पहले ही निकल चुके हैं। सत्तादलों की इन यात्राओं के मुकाबले राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 6 अगस्त से मराठी अभिनेता व सांसद डॉ अमोल कोल्हे की अगुवाई में ‘शिव स्वराज्य’ यात्रा निकालने का फैसला किया है। बीती शाम पिंपरी चिंचवड़ मनपा मुख्यालय में पहुंचे डॉ कोल्हे से जब इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि, उन यात्राओं से शिव स्वराज्य यात्रा की तुलना न करें। वह दोनों यात्रायें मुख्यमंत्री पद पाने के लिए निकाली गई है। जबकि शिव स्वराज्य यात्रा छत्रपति शिवाजी महाराज वाली प्रजा के राज के लिए छत्रपति के एक मावला द्वारा निकाली जा रही है।

पिंपरी चिंचवड शहर के विविध प्रलंबित मसलों पर उन्होंने मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर के साथ एक ब्यौरा बैठक की। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से संवाद साधा। शहर ने बढ़ते अपराध से जुड़े सवाल के जवाब में डॉ कोल्हे ने कहा कि, पूरे राज्य में अपराध बढ़े हैं। खासकर मुख्यमंत्री के अपने गढ़ नागपुर में अपराध के आंकड़े तो काफी कुछ कह रहे हैं। राज्य में जरूरत अलग गृहमंत्री की है मगर मुख्यमंत्री ने पांच साल तक वह पद अपने अधीन ही रखा। बढ़ते अपराध के आंकड़े सत्तादल को चढ़ी सत्ता की मस्ती का प्रतीक है। इस मौके पर नवनियुक्त विपक्षी नेता नाना काटे, पूर्व विधायक विलास लांडे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे, कार्याध्यक्ष प्रशांत शितोले, पूर्व विपक्षी नेता दत्ता साने, वरिष्ठ नगरसेवक अजित गव्हाणे, भाऊसाहेब भोईर, मंगला कदम, अपर्णा डोके, वैशाली कालभोर, राजू मिसाल, जावेद शेख़ आदि उपस्थित थे।

डाॅ. कोल्हे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस से भाजपा और शिवसेना में लगातार जारी ‘आउटगोइंग’ को परिवर्तन का संकेत करार दिया। उन्होंने कहा कि, दलबदल करनेवालों के खिलाफ कुछ गलत बोलना ठीक नहीं। मगर शरद पवार ने कई नेतृत्व बनाए उनमें से आज कई लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। इससे नए चेहरों को मौका मिल सकेगा। इसलिए ये ‘आउटगोइंग’ पार्टी के लिए परिवर्तन के बड़े संकेत साबित होंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस एक ऐसी मजबूत दीवार है जो निष्ठावान कार्यकर्ताओं की नींव पर खड़ी है। दीवार के ऊपरी हिस्से की कुछ ईंटे निकल जाए तो उसे दुरुस्त कर लिया जाएगा क्योंकि नीचे कार्यकर्ताओं रूपी ईंटों की मजबूत नींव है। डॉ कोल्हे ने अपने प्रतिद्वंद्वी पूर्व सांसद शिवाजी आढलराव पाटिल से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि, उन्होंने तीसरे अधिवेशन में अपनी चुप्पी तोड़ी थी। जबकि मैंने पहले अधिवेशन में ही तीन बार अलग- अलग मसलों पर आवाज उठाई। रेडजोन मसले की पूरी जानकारी हासिल कर उसका अध्ययन कर यह मसला हल करने लिहाज से कोशिश जारी है।