‘एक मुट्ठी चावल’ से बंगाल में जनाधार लहलहाने निकली भाजपा,  नड्डा के दौरे से बंगाल में चढ़ा सियासी पारा

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : भाजपा जब भी जमीन से जुड़ने का प्रयास करती है, कुछ अनोखा नजर आता है। पश्चिम बंगाल में भी कुछ ऐसा ही नजर आने वाला है, क्योंकि वहां राजनीतिक घमासान तेज होता जा रहा है।

काफिले पर हुए हमले के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा फिर एक बार दम ठोंकने पहुंचे हैं। वे आज शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान जिले से पार्टी के एक मुट्ठी चावल संग्रह अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। ध्यान रहे, नड्डा का यह कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पिछले चार सप्ताह से जारी है। नड्डा बर्दवान क्लॉक टॉवर से लॉर्ड कर्जन गेट तक रोड शो करेंगे। तय कार्यक्रम के मुताबिक नड्डा बर्धमान में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे और उसके बाद पार्टी की कोर कमिटी के सदस्यों के साथ बैठक पर विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे। बीजेपी नेताओं का कहना है कि ‘एक मुट्ठी चावल संग्रह अभियान भाजपा के लिए किसानों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। नड्डा जगदानंदपुर गांव में ही एक किसान परिवार के घर दोपहर का भोजन करेंगे।

इसी साल के मध्य में पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव होने हैं। पार्टी ने वहां की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। लोकसभा चुनाव में राज्य की 18 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद भाजपा का उत्साह और बढ़ा हुआ है। बीजेपी ने अपने अभियान में युद्ध स्तर पर तेजी लाते हुए केंद्रीय मंत्रियों, एक उप-मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय नेताओं को विभिन्न मोर्चों पर तैनात किया है और उन्हें छह से सात संसदीय क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है। राज्य में चुनाव अभियान को धार देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हर महीने राज्य का दौरा करने वाले हैं।

दूसरी तरफ, ममता बनर्जी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उन्हें दो मोर्चे पर एक साथ लड़ना पड़ रहा है। एक तरफ केंद्र से भेजे जा रहे नेताओं को जवाब देना पड़ रहा है, तो दूसरी तरफ अपने ही गढ़ को बचाने के लिए अपनों को एकजुट रखने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। ममता बनर्जी इधर से बचाव करती हैं, तो भाजपा उधर से वार कर रही है और उधर ध्यान दे रही हैं, तो किसी और तरफ से वार हो रहा है।