नए-पुराने कोरोना संकट के बीच अब बर्ड फ्लू का कहर, कई राज्यों में अलर्ट  

नई दिल्ली . ऑनलाइन टीम : कोरोना वायरस की दहशत के बीच नए स्ट्रेन ने और खौफजदा कर रखा है। लोग बेसब्री से वैक्सीन की राह देख रहे हैं। इस बीच पक्षियों की लगातार हो रही सामूहिक मौतों ने पेसानी पर बल ला दिए हैं।  मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और केरल को बर्ड फ्लू ने अपनी चपेट में ले लिया है।

देश के विभिन्न राज्यों को बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए अलर्ट कर सैंपल को जांच के लिए भेजे गए हैं।  यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है। अगर बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियों में भी पाया गया, तो यह सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा। मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की अधिक संभावना रहती है। इसके अलावा शीतकालीन प्रवास के लिए हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी प्रदेश में आए हुए हैं। इनमें भी वायरस का डर सताने लगा है।

राज्यों में ऐसी है स्थिति- 

-जम्मू-कश्मीर में  पशुपालन एवं वन्यजीव विभाग के संयुक्त दलों ने  जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर स्थित घराना वेटलैंड (आर्द्रभूमि) का दौरा किया और जांच के वास्ते 25 पक्षियों के नमूने एकत्र किए।

-हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के पोंग डैम लेक अभयारण्य के आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण किया गया। इससे एक दिन पहले मृत प्रवासी पक्षियों के नमूनों में एच5एन8 पाया गया था।  पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं।

-राजस्थान  के कृषि और पशुपालन विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य के तीन जिलों–झालावाड़, कोटा और बारां– में एवियन इंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण पाया गया है और वायरस अन्य जगहों पर भी फैल रहा है जो चिंता का विषय है।

-मध्य प्रदेश के इन्दौर में बर्ड फ्लू की आहट 29 दिसंबर को सुनाई पड़ी थी, जब रेसीडेंसी क्षेत्र के डेली कॉलेज परिसर में करीब 50 कौए मृत पाए गए थे। इनमें से दो कौओं के नमूने की भोपाल की एक प्रयोगशाला में जांच कराई गई तो इनमें एच5एन8 की पुष्टि हुई थी।

-केरल में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मारा जा रहा है।   एक अधिकारी ने कहा कि अकेले करुवत्ता पंचायत क्षेत्र में ही करीब 12,000 पक्षियों को मारा जाएगा।

– तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, ”एवियन इन्फ्लुएंजा तेजी से फैलता है और मनुष्यों के भी इससे प्रभावित होने की आशंका होती है। इसलिए एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने आकस्मिक योजना तैयार की है।