बर्ड फ्लू की दस्तक… हजारों पक्षियों की मौत, इंसान को बचाने के लिए मारने होंगे 40000 पक्षी

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच देश के कई हिस्सों में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40000 पक्षियों को मारना पड़ेगा। सूत्रों ने बताया कि हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है।  अगर बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियों में भी पाया गया, तो यह सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा।

मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की अधिक संभावना रहती है। इसके अलावा शीतकालीन प्रवास के लिए हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी प्रदेश में आए हुए हैं। इनमें भी वायरस का डर सताने लगा है। सांभर झील त्रासदी के समय भी सबसे अधिक विदेशी पक्षी ही महामारी की चपेट में आए थे। मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।

हिमाचल प्रदेश, केरल और राजस्थान ने सोमवार को सैकड़ों पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू  होने की पुष्टि की, इसके अलावा पंजाब, मध्य प्रदेश और झारखंड सहित कई अन्य राज्य भी इस बीमारी को लेकर सचेत हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  सोमवार तक हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पोंग डैम जलाशय क्षेत्र में 2300 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है और इन सभी की मौत का करण एवियन इन्फ्लूएंजा है। पोंग डैम अभयारण्य में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अब इन पक्षियों की अचानक मौत हो रही है। वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते जिलाधीश कांगड़ा को अवगत करवा झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।

केरल के वन्यजीव, पशुपालन और वन मंत्री के. राजू ने कहा कि कोट्टायम और अलाप्पुझा में बर्ड फ्लू की जानकारी मिली थी और वहां 12,000 बत्तखों की मौत हो गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे उन क्षेत्रों में एक किलोमीटर के दायरे में ही सभी पक्षियों को रखें। इसमें सभी प्रकार के मुर्गे और सजावटी पक्षी शामिल होंगे। राजू ने कहा कि बीमारी के आगे प्रसार से बचने के लिए 36,000 पक्षियों को रोकना होगा।

भोपाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज ने पुष्टि की है कि राजस्थान के झालावाड़ में कौवों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है। सोमवार को ये आंकड़ा 522 तक पहुंच गया, जो अभी तक का सबसे ज्यादा है।