BIG NEWS: बड़ी घोषणाओं के ‘पटाखे’  फोड़ने की शुरुआत किसने की ? शिवसेना का PM मोदी से ‘सवाल’

मुंबई: समाचार ऑनलाइन – मोदी ने हाल ही में अपने सभी मंत्रियों को सख्त हिदायत दे दी है कि फिलहाल कोई भी बड़ी घोषणाएं ना करें. उनका अपने मंत्रियों से कहना है कि ऐसा कोई वादा न करें जो पूरा नहीं हो सकता है, जिसका साफ अर्थ घोषणाओं को रोकना है. वर्तमान में मंदी का दौर है, इसलिए घोषणाएं करके लोगों को उम्मीद ना दें.  लेकिन ऐसी बड़ी घोषणाओं के फटाखे फोड़ने की शुरुआत किसने की? एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में यह सवाल उठाया है.

भाजपा ने जताया राज्य में 160 सीटें जितने का भरोसाशिवसेना को आया गुस्सा

भाजपा द्वारा किए गए एक सर्वे में कल सामने आया है कि, महायुति को विधानसभा चुनावों में दो-तिहाई बहुमत मिल सकता है. यह भी बताया गया कि महायुति को 229 सीटें मिलने की संभावना है.  सर्वेक्षण के मुताबिक भाजपा अपने दम पर 160 सीटें जीत सकती है, जिसे भाजपा का शिवसेना को एक इशारा समझा जा रहा है.

मोदी ने ऐसे भुनाई थी अपनी सफलता, शिवसेना ने गिनाया

बता दें कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान में नरेंद्र मोदी ने कई बड़ी घोषणाएं की थी. जैसे स्विस बैंक से देश का काला धन लाया जाएगा, जिसके बाद प्रत्येक भारतीय के खाते में 15  लाख रुपये जमा किए जाएंगे. लेकिन उनमें से कोई भी घोषणा सच नहीं हुई. इसके बाद विरोधियों ने सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी को ‘फेंकू’ नाम दिया था और उन पर कई चुटकुले भी बनाए गए थे.

इसके बाद पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद, सेना ने बालाघाट में आतंकवादियों को नष्ट कर दिया था. इसका पूरा फायदा मोदी को मिला. मोदी ने इसे चुनाव का विषय बना दिया. परिणामस्वरूप, सभी मुद्दे, एक तरफ हो गए और केवल पाकिस्तान पर कार्रवाई का मुद्दा मुख्य मुद्दा बन गया था. फलस्वरूप मोदी सरकार को अभूतपूर्व सफलता मिली.

विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के आवंटन और गठबंधन पर चर्चा जोरों पर

अब भी एक वित्तीय मंदी का दौर चालू है,  लेकिन हम अभी भी निराशा के कगार पर हैं. ऐसे में शिवसेना ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है. महाराष्ट्र विधानसभा के लिए सीटों के आवंटन और गठबंधन पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में भाजपा यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि उन्हें 160 सीटें मिलेंगी. फिर क्या था इसके बाद शिवसेना ने भी हुंकार भरनी शुरू कर दी है. साथ ही यह बताने की कोशिश की है हम क्या कर सकते हैं? जिसकी झलक दिखाने की शुरुआत भी शिवसेना द्वारा कर दी गई है.

एक-दूसरे को नीचा दिखने का सिलसिला शुरू

यह कहा जाता है कि गठबंधन में पार्टियां सीटों के आवंटन को लेकर एक-दूसरे को कुचलने का काम कर रही हैं. यही कारण है कि शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में संपादकीय लेख के जरिए अपना तीर चला दिया है. अब देखने की बात यह है कि यह निशाने पर लगता है या नही?