BIG NEWS : SPG सुरक्षा हटने के बाद गांधी परिवार को मिलेंगी 2-2 बुलेट प्रूफ गाड़ी, Z+ सिक्योरिटी

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – मोदी सरकार गांधी परिवार की सुरक्षा कम करने की तैयारी कर रही है। गांधी परिवार से अब जल्द एसपीजी सुरक्षा घेरा हटाया जाने वाला है। अब नई व्यवस्था में एसपीजी की जगह Z+ सुरक्षा दी जाएगी। अब गांधी परिवार की सुरक्षा में Z+ श्रेणी की होगी और CRPF के कमांडो सुरक्षा ड्यूटी में तैनात होंगे। बता दें कि यह फैसला गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में कल लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांधी परिवार को अब सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। एसपीजी सुरक्षा वाले वीवीआईपी को बीएमडब्ल्यू, रेंज रोवर, मर्सिडीज बैंज, लैंड क्रूजर, टोयटा फॉरच्यूनर और टाटा सफारी जैसे बुलेटप्रूफ वाहन मिलते हैं।  लेकिन गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने के बाद अब सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को केवल बुलेट प्रूफ वाहन दिया जायेगा। जानकारी के मुताबिक, गांधी परिवार के तीनों सदस्यों को दो-दो बुलेट प्रूफ वाहन मिल सकते है। दिल्ली से बाहर जब वे दूसरे राज्य में जाएंगे तब उसकी सरकार उन्हें बुलेट प्रूफ गाड़ी जारी कर सकते है।

एसपीजी सुरक्षा वाली गाड़ियों पर लैंडमाइन या मशीनगन भी बेअसर –
जिन वीवीआईपी को एसपीजी सुरक्षा मिलती है। वह अपनी गाड़ियों में बहुत कम चलते हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, संबंधित सुरक्षा एजेंसी उन्हें इसकी इजाजत भी नहीं दे सकती है। इस तरह की सभी गाड़ियों को एसपीजी अपने हिसाब से तैयार करा सकती है। जैसे पीएम या पूर्व पीएम को बीएमडब्ल्यू 760 एलआई (एफ 03) हाई सुरक्षा से लैस गाड़ी जारी कराई जाती है। यह बख्तरबंद गाड़ी बैलेस्टिक रोधी होती है। लैंडमाइन ब्लास्ट या मशीन गन से फायर का भी इस पर कोई भी असर नहीं होता है। इन सभी गाड़ियों का फ्यूल टैंक केवलर शील्ड से बना होता है, जो किसी भी स्थिति में आग नहीं पकड़ सकता है। केमिकल और बायोलॉजिकल अटैक से भी ये गाड़ी पूरी तरह सुरक्षित रहती है। बीएमडब्ल्यू के बाद रेंज रोवर (एल 405) का नंबर आता है। यह भी बख्तरबंद गाड़ियों में से एक होती है। पीएम या पूर्व पीएम के परिजनों को ज्यादातर यही गाड़ी दी जाती है।

क्या है Z+ सुरक्षा –
जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देश की स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप के बाद दूसरे नंबर की सबसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। इस सुरक्षा व्यवस्था में 55 सुरक्षा कर्मी सुरक्षा के लिए मौजूद होते हैं। 55 लोगों में 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो होते हैं। इसके अलावा पुलिस ऑफिसर होते हैं। इस सुरक्षा में पहले घेरे की ज़िम्मेदारी एनएसजी की होती है जबकि दूसरी परत एसपीजी कमांडो की होती है। इसके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी ज़ेड प्लस सुरक्षा श्रेणी में शामिल रहते हैं। साथ ही Z+ सुरक्षा में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी दिए जाते हैं।