मुंबई, 19 जून : महाविकास आघाडी सरकार ने अभिभावक वर्ग को राहत देने वाला एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। स्कूल फीस नहीं भरने की वजह से स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट नहीं होने के बावजूद उन्हें अन्य स्कूल में प्रवेश मिलेगा। यह जानकारी राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने ट्वीट के जरिये दी है। विधार्थियों को स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के बिना प्रवेश देने से मना नहीं करे। विधार्थी पढाई से वंचित नहीं रहे मुख्याध्यापक इस बात का ध्यान रखे। विधार्थियों के शिक्षा से वंचित रहने पर संबंधित मुख्याध्यापक, स्कूल प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना की वजह से सभी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से कई लोगों के रोजगार खत्म हो गए, उधोग-धंधे ठप्प हो गए। इसका परिणाम ये हुआ कि परिवार चलाना और बच्चों की पढ़ाई कराना मुश्किल हो गया है। ऐसे में स्कूल की फीस नहीं भरने और स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट नहीं होने के बावजूद अन्य स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। फ़िलहाल स्कूल की फीस नहीं भरने वाले विधार्थियों को स्कूल दवारा लिविंग सर्टिफिकेट देने से इंकार किया जा रहा है। सर्टिफिकेट नहीं होने की वजह से विधार्थियों को अन्य स्कूलों में और अनुदानित स्कूल में प्रवेश देने से मना किया जा रहा है। यह शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है। जिन विधार्थियों को स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट देरी से मिल रहा है या देने से मन किया जा रहा है ऐसे विधार्थियों को तत्काल प्रवेश देकर आगे की कार्यवाही की जाए. यह नियम नवमी और दसवीं के लिए भी लागू किये जाने की जानकारी वर्षा गायकवाड़ ने दी है।