सोलापुर, 19 नवंबर पांडुरंग की कार्तिकी वारी 26 नवंबर को होगा। उस वक़्त पंढरपुर में वारकरियों की भारी भीड़ जुटने की संभावना है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अन्य नियमों का पालन नहीं होगा। वारकरियों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं कम पड़ेगी। इसलिए इस बार कार्तिकी वारी प्रतीकात्मक रूप से मनाये, मान की दिंडी के लिए पंढरपुर नहीं जाए, पांडुरंग के धार्मिक विधि परंपरा के अनुसार संपन्न होगी। लेकिन वारकरियों की भीड़ नहीं जुटे इस लिए संबंधित व्यवस्था को इसी के अनुसार आदेश देने का प्रस्ताव जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक के जरिये मुख्यमंत्री को भेजा गया है।
मंदिर खुलने के बाद पंढरपुर आने वाले भक्तो की संख्या बढ़ गई है. हर दिन दो हज़ार भक्त मुख दर्शन के लिए छोड़ा जा रहा है। लेकिन आठ महीने से श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर बंद है। इसलिए इस बार कार्तिकी वारी में वारकरियों की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है। इस भीड़ में व्यस्क भक्तों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होगा। दो लोगों के बीच 6 फ़ीट की दुरी रखने पर लाइन 5 किलोमीटर तक की लाइन 25 किलोमीटर तक जाएगी। 65 एकड़ की जगह पर वारकरियों को नहीं रखा जा सकता है। इससे पहले मंदिर समिति के प्रस्ताव पर प्रांताधिकारी की राय लेकर यह प्रस्ताव जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को भेजा गया था। उसी के अनुसार यह प्रस्ताव विधि व न्याय विभाग के जरिये मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजा गया है।
उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी से आचारसंहिता का मुद्दा उठेगा
कार्तिकी वारी पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को निमंत्रण भेजा गया है। उनके आगमन की दृष्टि से प्रशासन व मंदिर समिति दवारा सभी तरह के उपाय किये जा रहे है। लेकिन स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव की वजह से फ़िलहाल आचारसंहिता लगा हुआ है। इसलिए चुनाव आयोग से इसकी मंजूरी लेने का प्रस्ताव विधि व न्याय विभाग को जिला प्रशासन ने भेजा है। चुनाव आयोग की मंजूरी मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री के हाथों सरकारी महापूजा होगा।