भीमा कोरेगांव हिंसाचार प्रकरण

पुणे : समाचार ऑनलाइन – माओवादी संगठन से संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कवी वरवरा राव के घर से जब्त की गई हार्ड डिस्क का डेटा फिर से हासिल करने के लिए पुणे पुलिस अब फेडरल ब्युरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई) इस अमरिकन जांच संस्था की मदद लेगी। इसके लिए भारत के फॉरेन्सिक विशेषज्ञ तथा पुलिस का पथक जल्द ही अमेरिका रवाना होगा।

गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2016 को शनिवार वाड़ा में एल्गार परिषद का आयोजन किया गया था जिसमें भड़काऊ भाषण, गीत पेश किए गए। उसके बाद दूसरे ही दिन 1 जनवरी 2017 को पुणे के भीमा कोरेगांव में दो समाज के गुटों में हिंसा हुई। आगजनी, पथराव जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया जिसमें एक युवक की मौत हो गई। परिषद के कारण ही हिंसा हुई ऐसी शिकायत पुलिस में दे दी गई। इसलिए शहर पुलिस ने परिषद के आयोजन को लेकर तथा जिला पुलिस ने हिंसाचार को लेकर अलग अलग मामले दर्ज किए। उक्त परिषद के लिए माओवादियों से आर्थिक सहायता ली गई थी ऐसी जानकारी जांच में सामने आई। पुलिस ने माओवादियों से संबंध होने के शक में वर्ष 2018 में अरूण परेरा, वर्नन गोंसाल्विस, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा तथा वरवरा राव को गिरफ्तार किया गया था। वरवरा राव के घर पर पुलिस ने छापेमार कार्रवाई कर कुछ हार्ड डिस्क जब्त की थी लेकिन उनमें से डेटा डिलीट करने की बात सामने आई। अब उक्त डेटा हािसल करने के लिए पुलिस एफबीआई की मदद लेगी।

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