भीमा कोरेगांव मामले को लेकर राज्य व केंद्र सरकार में ठनी

गृहमंत्री देशमुख ने कहा, पहले राज्य से बातचीत करें केंद्र सरकार
पुणे। सँवाददाता-बहुचर्चित भीमा कोरेगांव हिंसा मामले को लेकर महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में ठन गई है। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला होने के बाद एनआईए की एक टीम पुणे पुलिस आयुक्तालय में दाखिल हो गई है। हालांकि पुणे पुलिस ने एनआईए को इस मामले की फ़ाइल सौंपने से मना कर दिया है। पुलिस का कहना है कि इस बारे में उन्हें पुलिस महानिदेशक कार्यालय से कोई आदेश नहीं मिला है। वहीं राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में केंद्र सरकार पहले महाराष्ट्र सरकार से बातचीत करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस पर कानूनी राय मांगी है जिसके बाद ही कोई फैसला होगा।
पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव मामले के दस्तावेज एनआईए को सौंपने से यह कहकर इनकार कर दिया है उन्हें इस बारे में महानिदेशक कार्यालय से कोई आदेश नहीं मिला है। राज्य गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मीडिया से की गई बातचीत में कहा है कि जब तक उनकी केंद्र सरकार से इसपर कोई औपचारिक बात नहीं होती तब तक राज्य की पुलिस एनआईए के साथ सहयोग नहीं करेगी। पुणे पुलिस को केंद्र की ओर से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है कि यह मामला एनआईए को सौंपा गया है। हमें मामले की जांच एनआईए को ट्रांस्फर किए जाने की खबर मीडिया से मिली है। हमें कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। ऐसे में केंद्रीय एजेंसी के साथ सहयोग करना संभव नहीं है।
भीमा कोरेगांव हिंसा के लिए जिस यलगार परिषद को जिम्मेदार माना जा रहा है, उस मामले में पुणे पुलिस की जांच पर अब संदेह जताया जा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया शरद पवार ने पुलिस की भूमिका पर शक जताते हुए मामले की जांच एसआईटी को सौंपने की मांग की थी। इसके अनुसार राज्य सरकार ने एलगार परिषद जांच की समीक्षा शुरू कर दी थी और पुणे पुलिस द्वारा जांच के बारे में शिकायतें मिलने के बाद एक विशेष जांच दल (एसआईटी) विचाराधीन था। उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इसके लिए एक रिव्यू मीटिंग की थी। इसी बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस पूरे मामले की जांच एनआईए को ट्रांस्फर करने की घोषणा कर दी।
महाराष्ट्र सरकार ने इस पुरजोर विरोध किया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को पूछे बिना यह केस एनआईए को सौंप दिया है। हम इसका विरोध करते हैं। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर कहा कि, ‘यह मामला महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। यह पूरे देश में फैला हुआ है। इसलिए यह बहुत ही सही फैसला है। केंद्र सरकार ने सही कदम उठाया है। इससे अर्बन नक्सली के चेहरे से नकाब उतरेगा। इसी गहमागहमी के बीच एनआईए की एक टीम पुणे पुलिस आयुक्तालय पहुंची। मगर पुलिस ने इस मामले की फ़ाइल एनआईए को सौंपने से साफ इंकार कर दिया। पुलिस महानिदेशक कार्यालय से आदेश मिलने के बाद ही इसका विचार किया जाएगा। हालांकि इससे पहले केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच इस मसले पर बातचीत होना जरूरी है।