सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले सावधान, इन बातों का रखें ध्यान 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : सेकेंड हैंड कार खरीदते समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। देश में अधिकांश लोग ऐसे होते हैं जो कम बजट के कारण नई कार नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में उनके पास पुरानी कार खरीदने का विकल्प बचता है। हालांकि पुरानी कार भी आपके लिए किफायती साबित हो सकती है, लेकिन आपको इसके लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। कोशिश करें कि आप नए मॉडल की ही सेकेंड हैंड कार खरीदें। हम अपनी इस खबर में आपको जानकारी दे रहे हैं कि अगर आप कोई सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं तो आपको किन बातों का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। यह उस वक्त और अहम हो जाता है जब आप किसी डीलर या कंपनी से पुरानी गाड़ी खरीद रहे होते हैं।

सबसे पहले आप जिस मॉडल को खरीदना चाहते हैं उसका चुनाव कर लें। इसके लिए आप इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इंटरनेट पर आप अपने बजट के हिसाब से कोई भी इस्तेमाल की हुई कार के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसमें आप गाड़ियों की स्पेसिफिकेशन्स देखकर दूसरे मॉडल से तुलना भी कर सकते हैं। अगर आप सर्टिफाइड पुराना मॉडल खरीद रहे हैं तो वह आमतौर पर कम किलोमीटर चला होगा और यह पूरी तरह निरीक्षण से पास हुआ होगा। इतना ही नहीं सर्टिफाइड पुराने मॉडल को खरीदने के लिए आपको न केवल अतिरिक्त वारंटी मिलती है बल्कि आपको ऑरिजनल मैन्युफैक्चरर वारंटी भी मिलेगी।

इसे जानना जरूरी है-

-बाहर से लगे सनरूफ वाली कार  नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि इससे गाड़ी का बैलेंस पहले जैसा नहीं रहता जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। वैसे भी सनरूफ च्वाइस की बात नहीं है डिजाइन की बात है। बाहर से लगवाने पर उसका असर पूरे कार के इंजीनियरिंग फ्रेम पर पड़ता है।
– उन कारों को बिलकुल ना खरीदे जिन्हें जीरो स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली हो। जीरो स्टार सेफ्टी रेटिंग से मतलब विदाउद एयर बैग वाली कारों से है।  टू स्टार रेटिंग वाली कार भी लेंगे तो भी चलेगा।
– सिर्फ वीडियो देखकर कार न खरीदें, उसके बारे में अच्छे से पड़ताल कर लें।  हो सके तो पहले शो-रूम के वर्कशाप में चैक करवा ले इसके लिए एक से दो हजार रुपए ही खर्च होंगे, बाद में हजारों रुपए के फेर में पड़ने से बचेंगे।
– सर्विस हिस्ट्री जरूर देखें, इससे पता चलता है कि कार की मेंटेनेंस समय पर हुई है या नहीं, इंजन ऑयल टाइम पर चेंज किया गया या नहीं।  मीटर टेम्परिंग भी सर्विस हिस्ट्री से जानी जा सकती है।
– कई बार कंपनियां अपने पुराने मॉडल्स बंद कर देती है जिसके बाद उसके पार्ट्स मिलना मुश्किल हो जाते हैं। भले ही यह कारें सस्ते में मिले लेकिन इनके जरूरी पार्ट्स ना मिलने से आप आगे बेहद परेशान हो सकते हैं।