अयोध्या राम मंदिर : भाईचारे का संदेश देने वाला होगा राम मंदिर, पीएम मोदी खुद कर सकते है शिलान्यस

नई दिल्ली, 11 नवंबर – सुप्रीम कोर्ट दवारा सरकार से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने को लेकर हलचल तेज़ हो गई है । गठित होने वाला ट्रस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के अनुरूप भारतीयता और भाईचारे का सन्देश देने वाला होगा। ट्रस्ट के सदस्य के रूप में प्रसिद्ध मुस्लिम हस्तियों की तलाश शुरू हो गई है ।  बताया जा रहा है कि पीएम मोदी खुद मंदिर का शिलान्यास कर सकते है ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनने वाला ट्रस्ट सोमनाथ मंदिर निर्माण ट्रस्ट (6 सदस्यीय ) की तरह ही काम करेगा। यह उससे काफी बड़ा होगा। गृह मंत्री या पर्यटन मंत्री को इसका अध्यक्ष बनाया जा सकता है और इसके सदस्यों की संख्या 20 से ज्यादा हो सकती है. ट्रस्ट में रामजन्म भूमि न्यास को वरीयता दी जाएगी।

अनुमोदित मॉडल के साथ निर्माण कार्य में सामग्री का इस्तेमाल होगा। ट्रस्ट में निर्मोही अखाडा समेत सामाजिक क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों को शामिल करने पर मंथन का दौर शुरू हो गया है ।

इन लोगों को ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा 

एक सीनियर केंद्रीय मंत्री के अनुसार पीएम की इच्छा है कि राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में कहीं से भी कटुता नहीं दिखे बल्कि यह सन्देश जाये कि मंदिर निर्माण सभी समुदायों और पुरे देश की इच्छा से हो रहा है ।  इसलिए ट्रस्ट में ऐसे लोगों को लेकर सोच विचार चल रहा है जिनका अपने क्षेत्र में खासी प्रतिष्ठा हो. इनमे सभी वर्गों के गैर विवादित लोगों का प्रतिनिधित्व होगा।

मंदिर के लिए कुल 67 एकड़ भूमि का होगा इस्तेमाल 
मंदिर निर्माण के लिए अधिगृहित की गई 67 एकड़ भूमि का इस्तेमाल होगा। मुख्य मंदिर का निर्माण 2. 77 एकड़ में हो जाएगा, बाकी बची जगह पर अन्य तरह के निर्माण के लिए डिज़ाइन तैयार कराया जाएगा।

बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी

पर्यटन मंत्रालय ने इसे सरदार पटेल की विश्व प्रसिद्ध सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ़ यूनिटी की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी है ।  इसके तहत राम मंदिर तक पहुंचने के लिए रेल, सड़क, हवाई यातायात के बेहतर प्रबंध के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है ।  अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण राष्ट्र मंदिर के निर्माण की दिशा में सार्थक पहल है। मंदिर के पक्ष में सर्वसम्मत फैसला आया है।  ये देश राम रहीम की परंपरा वाला देश है। ऐसे में निर्माण समिति में भारतीयता की झलक मिलनी चाहिए। लेकिन मंदिर में पूजा सनातन परंपरा के अनुसार होगा।