Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पूरी तरह खुश नहीं, कर सकते है पुनर्विचार की मांग

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला सुनाया है। सीजेआई रंजन गोगाई ने कहा कि विवादित जमीन राम लला विराजमान को दी जाए। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का भी फैसला दिया। सीजेआई ने कहा कि ये पांच एकड़ जमीन या तो अधिग्रहित जमीन से दी जाए या फिर अयोध्या में कहीं भी दी जाए।

इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने असंतुष्टि जताई। उन्‍होंने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्‍मान करते हैं। लेकिन, हम इससे संतुष्‍ट नहीं है। हम पुनर्विचार की मांग करेंगे। पूरा फैसला पढ़ने के बाद ही हम आगे की रणनीति बनाएंगे।’ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 5 एकड़ जमीन पर भी कहा। बोर्ड के मुताबिक 5 एकड़ जमीन देना हमारे लिए ख़ुशी की बात नहीं।

जफरयाब जिलानी ने कहा कि अगर हमारी कमेटी सहमत होगी तो हम इस पर पुनिर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। य‍ह हमारा अधिकार है और साथ ही सुप्रीम कोर्ट का नियम भी है।