अनिल देशमुख के मामले की आड़ में प्रशासन की जांच का प्रयास ; हाई कोर्ट में सरकार का विरोध 

मुंबई, 22 मई : पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर दर्ज किये गए केस की जांच की आड़ में सीबीआई राज्य सरकार के पुरे प्रशासन के कामकाज की जांच करने का प्रयास कर रही है।  यह आरोप राज्य सरकार ने शुक्रवार को लगाया। देशमुख के खिलाफ सीबीआई दवारा दर्ज केस में धाराओं को हटाने के लिए राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।  इस याचिका पर जज एस जे काथावाला व जज एस पी तावड़े की खंडपीठ में सुनवाई हुई.

5 अप्रैल को हाई कोर्ट के आदेश दिए जाने के बाद सीबीआई ने अनिल देशमुख से पूछताछ की और 21 अप्रैल को केस दर्ज किया। इसकी एक धारा में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों उल्लेख किया गया है। जबकि दूसरी धारा में पुलिस की पोस्टिंग व ट्रांसफर में किये गए भ्रष्टाचार से जुड़ा है।  पुलिस की पोस्टिंग व ट्रांसफर में हुए भ्रष्टाचार मामले में परमबीर सिंह सही जगह शिकायत करे. इस तरह का आदेश हाई कोर्ट ने 5 अप्रैल की सुनवाई में दिया था।  इस तरह की दलील राज्य सरकार की तरफ से सीनियर वकील रफीक दादा ने दी.

आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला दवारा पुलिस ट्रांसफर को लेकर लिखे गए पत्र सीबीआई राज्य सरकार से मांग रही है।  राज्य सरकार ने सीबीआई से पूछा है कि यह गोपनीय क्यों चाहिए ? राज्य सरकार ने कहा है कि हम अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करेंगे।  यह जानकारी रफीक दादा ने कोर्ट को दी है।  रफीक दादा ने कहा कि सीबीआई की जांच के दायरे को लेकर हम विवाद नहीं करेंगे। हमारा कहना बस इतना है कि सीबीआई अपने अधिकार से बाहर नहीं जाए. इस मामले का इस्तेमाल कर सीबीआई राज्य सरकार के सभी प्रशासकीय कामकाज की जांच करने का प्रयास कर रही है।  इसे लेकर पुरे कर्मचारी वर्ग में निराशा है।

सीबीआई केवल सवाल करने के लिए है

देशमुख व अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई दवारा की जा रही जांच में हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अनिल देशमुख मामले की जांच के लिए सीबीआई केवल सवाल पूछना है।  उन्हें सचिन वाजे  की जांच नहीं करनी है , उन्हें देशमुख  के पीछे भी नहीं लगना है।  उन्हें सारे मामले का पर्दाफाश करना है।  इस याचिका पर अगली सुनवाई 26 मई को होगी।