एक्सपर्ट के नाम पर भाजपा कार्यकर्ताओं को विटामिन ‘एम’ का बूस्टर देने की कोशिश

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – विकास व कल्याणकारी परियोजनाओं के सोशल मीडिया कैंपेन के लिए ‘सोशल मीडिया एक्सपर्ट’ नियुक्त करने का गत डेढ़ साल से लंबित प्रस्ताव अंततः पारित किया गया। पिंपरी चिंचवड मनपा की स्थायी समिति द्वारा मंजूर किए गए इस प्रस्ताव पर विपक्षी दल के नेता नाना काटे ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि, सोशल मीडिया एक्सपर्ट के नाम पर भाजपा कार्यकर्ताओं को सत्ता के माध्यम से ‘विटामिन एम’ का बूस्टर देने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि मनपा के वेबपोर्टल पर तमाम योजनाओं की जानकारी मौजूद है। सलाहकारों की नियुक्ति पर सत्तादल द्वारा फिजूलखर्ची की जा रही है। मनपा की तिजोरी में जमा करदाताओं के पैसों की लूटखसोट करनेवालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
मनपा की विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास परियोजनाओं के लिए शहर परिवर्तन कार्यालय (सिटी ट्रान्फॉर्मेशन ऑफिस तथा सीटीओ) स्थापन किया गया है। इसके माध्यम से मनपा की योजनाओं का सोशल मीडिया कॅम्पेन चलाया जाना है। इसका उद्देश्य शहर विकास में नागरिकों को शामिल करना, विशेषज्ञों की राय जानना, सर्वेक्षण करना आदि है। इस कामकाज को प्रभावी बनाने के लिए ‘सोशल मीडिया एक्स्पर्ट’ के तौर पर अमोल देशपांडे की नियुक्ति करने का फैसला किया गया है।उनके भाजपा से जुड़े रहने और सोशल मीडिया पर भाजपा के कैंपेन में संलिप्त रहने से उनकी नियुक्ति का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। यही वजह है कि डेढ़ साल से यह प्रस्ताव अनिर्णीत रहा।
अब मनपा के आईटी विभाग ने चालाकी के साथ ‘सोशल मीडिया एक्स्पर्ट’ नियुक्ति के अधिकार मनपा आयुक्त को देने की आड़ में उसी प्रस्ताव स्थायी समिति की सभा के समक्ष मान्यता के लिए पेश किया। यह चालाकी ध्यान में आते ही राष्ट्रवादी काँग्रेस, शिवसेना के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। मगर भाजपा ने बहुमत के जोर पर इसे पारित कर लिया। यह नियुक्ति छह माह के लिए करने और हर माह मेहनताने के तौर पर 70 हजार रुपए अदा करने का फैसला किया गया है। अमोल देशपांडे भाजपा के सक्रिय सदस्य है और उनकी भाजपा के लिए कैंपेन में लगातार संलिप्तता रही है, यह खुलासा शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने किया था। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी ने दावा किया कि, अमोल देशपांडे भाजपा के सक्रिय सदस्य नहीं हैं। अगर ऐसा पाया जाता है तो उनकी नियुक्ति का प्रस्ताव खारिज कर दिया जाएगा।