तमिलनाडु में अथी वरादर के दर्शन को नहीं मिलेगा अतिरिक्त समय

 चेन्नई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु के कांचीपुरम में अथी वारादर के दर्शन करने की अवधि बढ़ाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

देवराज स्वामी मंदिर में बड़ी संख्या में आने वाले भक्तों को भगवान अथी वारादर के दर्शन करने के लिए अतिरिक्त समय मिल सके, इसके लिए अदालत में एक याचिका दायर की गई थी।

याचिका में कहा गया कि दर्शन करने के लिए 48 दिनों की समयसीमा सीमित रखने के लिए कोई पारंपरिक नियम नहीं है।

राज्य सरकार के वकील ने हालांकि कहा कि 48 दिनों के लिए ही दर्शन सुनिश्चित होना एक पारंपरिक प्रथा है।

कांचीपुरम जिला प्रशासन के अनुसार, शुक्रवार को अथी वरदार के सार्वजनिक दर्शन का अंतिम दिन है।

पिछले 40 वर्षो से मंदिर की टंकी (तालाब) के पानी में चांदी के ताबूत में रखी गई अंजीर के पेड़ से बनी अथी वारादर की 12 फुट की मूर्ति को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए 28 जून को निकाला गया था। इसके बाद एक जुलाई से 17 अगस्त के बीच 48 दिनों तक भक्तों को दर्शन की अनुमति दी गई थी। इसे वरदराज पेरुमल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

आखिरी बार अथी वरदार को दो जुलाई 1979 को पानी से बाहर निकाला गया था।

एक जुलाई के बाद से लाखों श्रद्धालु कांचीपुरम में रोजाना अथी वरदार के दर्शन को पहुंच रहे हैं।