56 वर्ष की आयु में  रचा इतिहास, पुणे यूनिवर्सिटी से MA मराठी में मिला 4 गोल्ड मेडल

पुणे: सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से एम ए मराठी के लिए 56 वर्षीय छात्रा को चार गोल्ड मेडल मिला है। कला, साहित्य और लेखण में रूचि रखनेवाली पुणे की नीलिमा फ़ाटक की हर कोई सराहना कर रहा है।

30 वर्ष की उम्र तक छात्र और छात्र पढ़ाई में रुचि दिखाते हैं। उसके बाद नौकरी, व्यवसाय में एक बार व्यस्त होने के बाद पढाई के लिए समय ही नहीं मिलता है, लेकिन फाटक ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बैंक में 30 साल तक नौकरी कर एम ए में प्रवेश लिया। मन लगा कर पढाई की और 4 गोल्ड मेडल हासिल करने में सफलता प्राप्त की।

नीलिमा फाटक ने रामकृष्ण मोरे आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। उसके बाद वकालत की पढाई की। उन्हे पहले से ही कविता लेखन, साहित्य पढने में रूचि थी। कॉलेज खत्म करने के बाद बैंक में नौकरी की, लेकिन अपनी रूचि को रुकने नहीं दिया।2019 में ‘नीलमाधव’ नाम की उनकी कविता की किताब आई। जापान में अंतरराष्ट्रीय परिषद में इस संग्रह का प्रकाशन किया गया। उसके बाद करम व रंगतसंगत प्रतिष्ठान की ओर से पारंपरिक व उच्चशिक्षण पुरस्कार प्रदान किया गया था। समाजकार्य के रूप में आत्महत्या पीड़ित किसान के बच्चों का काउंसलिंग करते हुए स्नेहवन संस्था से जुड़ी हैं।

फाटक ने कहा कि 30 साल तक स्टेट बैंक में नौकरी की। उसके बाद 54 साल में खुद की इच्छा से सेवानिवृत्ति ली। स्कूल से ही मुझे पढने लिखने का शौक था। कॉलेज में भी मैंने लिखना जारी रखा। मेरी एक कविता मॉरीशस में नौवीं के मराठी पाठ्यक्रम में है। नौकरी के दौरान भी मैंने साहित्य के प्रति उदासीनता नहीं दिखाई। इसी के परिणामस्वरूप मुझे पुणे विश्वविद्यालय से 4 गोल्ड मेडल मिला।  मेरी पीएचडी करने की भी इच्छाहै। मैंने सेट की परीक्षा पास की है।